कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्योगों (एमएसएमई) की सेहत में सुधार के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने वाली सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण को पहले इन उद्योगों को लेकर उनके बीच छिड़े विवाद को सुलझाना चाहिए।
Minister Gadkari says that governments and PSUs owe Rs 5 lakh crore as unpaid dues to MSMEs
Minister Sitharaman says she will offer collateral free loan of Rs 3 lakh crore to MSMEs (numbering 45 lakhs)
So, who is the lender and who is the borrower?!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 15, 2020
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि “कैबिनेट मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों पर एमएसएमई का पांच लाख करोड़ रुपये बकाया है। कैबिनेट मंत्री सीतारमण का कहना है कि वह एमएसएमई (45 लाख की संख्या) को तीन लाख करोड़ रुपये का जमानत मुक्त ऋण देगी।” उन्होंने कहा कि असलियत क्या है। इनमें ऋणदाता कौन है और उधारकर्ता कौन है। दोनों मंत्रियों को इस विवाद का निपटारा करना चाहिए और एमएसएमई को सरकार की मदद के बिना खुद अपने बचाव का उपाय करने देना चाहिए।
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बता दें कि कोरोना को परास्त करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिए करीब छह लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की।
कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्त मंत्री ने एमएसएमई सहित कंपनियों को बिना गारंटी के ऋण सहायता देने की घोषणा की। 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे 45 लाख छोटी इकाइयों को लाभ होगा।