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सरस्वती उपासना के साथ मना बसंत पंचमी का महापर्व

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श्योपुर : सोमवार को सरस्वती उपासना का महापर्व जिले भर में बसंत पंचमी महापर्व के रूप में पारम्परिक आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। वही ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण आज सरस्वती शिशु मन्दिर मे किया गया। इस पर्व पर जहां घर-परिवारों में पीले खाद्य पदार्थों तथा पीले परिधानों का उपयोग करते हुऐ ऋतुराज बसंत की अगवानी की गई वहीं गायत्री परिवार के साधक तथा अनुयायी भी जप-तप और विशेष अनुष्ठानों में भागीदार बने। उल्लेखनीय है कि बसंत पंचमी गायत्री परिवार तथा युग निर्माण योजना के संस्थापक तपोनिष्ठ, युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का आध्यात्मिक जन्मदिवस भी माना जाता है।

गायत्री परिवार न्यास श्योपुर के मुख्य न्यासी आदित्य चौहान के निर्देशन में बसंत पंचमी पर्वोपलक्ष्य में ऐतिहासिक किले के पाश्र्वभाग में स्थित गायत्री मंदिर पर प्रात:वेला में अखण्ड जाप का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में साधकगणों ने भागीदारी की। इसी सुरम्य परिसर में सांध्यवेला में दीप यज्ञ का आयोजन साधकों व परिजनों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ, जहां युग निर्माण के संकल्प नारों और गीतों के रूप में गूंजते रहे।

उक्त दोनों कार्यक्रमों के बीच गायत्री यज्ञ का आयोजन रेलवे क्रॉसिंग के समीप सरस्वती विद्या मंदिर के नवीन भवन स्थित शंकर-पार्वती परिसर में किया गया। गायत्री परिवार के मनीषियों की टोली के आचार्यत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार के साधकों तथा विद्या मंदिर के भैया-बहिनों द्वारा भागीदारी की गई। यज्ञ के आयोजन के दौरान विद्या मंदिर का परिसर पावन ऋचाओं से गुंजायमान बना रहा तथा गायत्री मंत्र के सामूहिक स्वर वातावरण को सरस व भक्तिमय बनाते रहे।

युग निर्माण के संकल्प के साथ ज्ञान, आध्यात्म और जनचेतना का अलख जगाने वाले गायत्री परिवार का बसंत पर्व के साथ गहरा नाता रहा है। गायत्री महामंत्र की दीक्षा महामना पं. मदनमोहन मालवीय से लेने के बाद पं. श्रीराम शर्मा आचार्य को वर्ष 1926 में इसी दिन आत्म-साक्षात्कार सहित गुरू-सत्ता की प्राप्ति हुई थी।

स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज की सद्प्रेरणा से तीन कठिन संकल्पों को आत्मसात करते हुऐ उनका निर्वाह 24 वर्षों तक जटिल परिस्थितियों में करने तथा अखण्ड घृत दीप की स्थापना के साथ वर्ष 1938 में जन-जन तक ज्ञान का आलोक विस्तारित करने हेतु अखण्ड ज्योति पत्रिका के प्रकाशन का श्रीगणेश भी आचार्य गुरूदेव द्वारा बसंत पंचमी पर्व के दिन ही किया गया था। शहर की सब्जी मंडी में स्थित मधुराधीश मंदिर पर खंडेलवाल समाज ने सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया।

इस मौके पर महाआरती हुई। इसके पश्चात विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में लक्ष्मी खंडेलवाल, रेखा खंडेलवाल, घंटी लोटा में राधा सोटिया, मंजू बूसर, चेयररेस मेें गायत्री धीया, गायत्री खंडेलवाल विजेता रही। जबकि बच्चों की प्रतियोगिताओं में सुचीता बुसर, प्रणव ताम्बी, हर्ष ताम्बी, कृष्णा धीया, सोबित धीया, हाउजी में अक्षय खंडेलवाल ने अलग-अलग स्थान प्राप्त किया। जिसमें सभी विजेताओं को समाज के अध्यक्ष मुकुट बिहारी खंडेलवाल के द्वारा पुरुस्कार महामंत्री मधुसूदन खंडेलवाल द्वारा वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुकुट बिहारी खंडेलवाल द्वारा किया गया। बसंत पंचमी के अवसर पर सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया।

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