चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पिछले साल डोकलाम में हुए सैन्य गतिरोध के बाद भी उसने 4,057 किलोमीटर के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LoC) में अलग-अलग जगहों पर भारतीय सीमा पर अतिक्रमण करना जारी रखा है। आपको बता दे कि अभी हाल ही में इस तरह की घटना पिछले महीने लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में हुई।
यहां चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवान भारतीय सीमा में 300 से 400 मीटर तक घुस आए और अपने 5 टेंट लगा दिए। ये तंबू उसने लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 400 मीटर अंदर घुसपैठ करके स्थापित किए।
हालांकि , सेना से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को जानकारी दी कि चीनी सेना ने चेरडोंग-नरलोंग नालान क्षेत्र में 5 में से तीन तंबुओं को हटा लिया है। चीन ने तीन तंबू दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता के बाद हटाए हैं। लेकिन अभी भी वहां चीनी सेना के दो तंबू मौजूद हैं।
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वही, बताया जा रहा है कि इन तंबुओं में चीनी सैनिक अभी भी मुस्तैद हैं। इस घटनाक्रम पर सेना के अधिकारियों से बातचीत की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
जिसके बाद एलसी पर टकराव की स्थिति ना बनें इसके लिए भारत के सैनिकों ने बैनर ड्रिल भी की। बैनर ड्रिल का मतलब उन्हें झंडे दिखाकर चीन लौट जाने के लिए कहा। लेकिन उसके बाद भी चीनी सैनिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।
साथ ही ऐसी भी खबरें हैं कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख प्रशासन की नेरलोंग इलाके में सड़क बनाने की शिकायत भी की। आपको बता दें कि डेमचोक उन 23 संवेदनशील इलाकों में आता है जिनकी एलसी पर पहचान हुई है। यह इलाका पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। यहां अक्सर दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना रहता है इसकी वजह है अनसुलझी सीमा को लेकर अलग-अलग धारणाएं। दोनों सेनाएं एक दूसरे पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाती रहती हैं।