भारत और चीन में पिछले दो साल से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी अचानक भारत दौरें पर पहुंचे हैं। वांग यी गुरुवार को काबुल की यात्रा के बाद भारत पहुंचे। आज वह विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच चीनी विदेश मंत्री का आना एक बड़ी भूमिका निभाने से संबंध रखता है।
दोनों देशों ने इस यात्रा को गुप्त रखा है
इस बैठक में भारत लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से पूरी तरह से सैनिकों को हटाने के दवाब बनाएगा। दोनों देशों ने इस यात्रा को गुप्त रखा है। इस बैठक को लेकर बताया जा रहा है कि, दोनों देशों के विदेश मंत्री करीब 11 के आसपास मुलाकात करेंगे। इसके अलावा इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भी मिलने का समय मांगा गया है हालांकि पीएम मोदी से मुलाकात होने की संभावनाएं कम हैं।
ओआईसी बैठक में कश्मीर को लेकर की थी टिप्पणी
दोनों देशों ने इस यात्रा को गुप्त रखा है
इस बैठक में भारत लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से पूरी तरह से सैनिकों को हटाने के दवाब बनाएगा। दोनों देशों ने इस यात्रा को गुप्त रखा है। इस बैठक को लेकर बताया जा रहा है कि, दोनों देशों के विदेश मंत्री करीब 11 के आसपास मुलाकात करेंगे। इसके अलावा इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भी मिलने का समय मांगा गया है हालांकि पीएम मोदी से मुलाकात होने की संभावनाएं कम हैं।
ओआईसी बैठक में कश्मीर को लेकर की थी टिप्पणी
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद से दोनों देशों के बीच कोई आधिकारिक यात्रा नहीं हुई है। हालांकि हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं ने 15वें दौर की वार्ता की थी जिसमे जारी गतिरोध को कम करने के मुद्दे उठाए गए थे। भारत की यात्रा से पहले चीनी विदेश मंत्री पाकिस्तान में ओआईसी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वांग ने वहां कश्मीर को लेकर टिप्पणी की थी जिसके विरोध में भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी। ओआईसी की बैठक के बाद वांग अचानक काबुल की यात्रा पर गए थे।