प्रमोशन में आरक्षण मुद्दे को लेकर लोकसभा में आज जोरदार हंगामा हुआ। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण से संबंधित फैसले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। वहीं लोजपा अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
लोकसभा में बोलते हुए चिराग पासवान ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है कि नौकरियों, पदोन्नति के लिए आरक्षण एक मौलिक अधिकार नहीं है। हम केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षण किसी को मिली हुई खैरात नहीं है, यह संवैधानिक अधिकार है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण से संबंधित फैसले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। वहीं इस मुद्दे पर केंद्र की ओर से साफ़ कहा गया कई कि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया, जिसके बाद अध्यक्ष ओम बिड़ला और सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि मामले को शून्यकाल के दौरान उठाया जाएगा।
मामले को उठाते हुए, अधीर ने नरेंद्र मोदी सरकार पर दलितों के सशक्तिकरण के लिए मुहैया कराए गए एक महत्वपूर्ण उपकरण को एक ‘बड़ी क्षति’ पहुंचाने के लिए उकसाने का काम करने का आरोप लगाया और सरकार से मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।
वहीं केंद्रीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस के इस बयान पर कहा, यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता को प्रश्नकाल के दौरान मामले को उठाने से रोका और कहा, “आपको सदन की कार्यवाही को इस तरह से बाधित नहीं करना चाहिए।
आप शून्यकाल में इस मामले को उठा सकते हैं। सरकार आपके सवाल का जवाब देगी।” अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया अब तक का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है।