संविधान की बातों पर ध्यान नहीं देने से बढ़ेगी अव्यवस्था : CJI रंजन गोगोई - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

संविधान की बातों पर ध्यान नहीं देने से बढ़ेगी अव्यवस्था : CJI रंजन गोगोई

CJI ने कहा, हमारा संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की आवाज है। इसका विवेक अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में हमारा मार्गदर्शन करता है।

नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने सोमवार को कहा कि संविधान के सुझावों पर ध्यान देना ‘हमारे सर्वश्रेष्ठ हित’ में है और ऐसा नहीं करने से अराजकता तेजी से बढ़ेगी। प्रधान न्यायाधीश ने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा, ”संविधान की बातों पर धयान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा घमंड तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा।” गोगोई ने कहा, ”संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। यह कोई अतिश्योक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने संविधान से खिलवाड़ किया : कांग्रेस

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ”हमारा संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की आवाज है। इसका विवेक अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में हमारा मार्गदर्शन करता है।” उन्होंने कहा कि जब संविधान लागू किया गया था उस वक्त व्यापक पैमाने पर इसकी आलोचना हुई थी लेकिन वक्त ने आलोचनाओं को कमजोर किया और बेहद गर्व की बात है कि पिछले अनेक दशक से इसका जिक्र बेहद जोश के साथ किया जा रहा है।

उन्होंने कहाकि संविधान‘ ”वक्त से बंधा दस्तावेज भर नहीं है” और आज जश्न मनाने का नहीं बल्कि संविधान में किए गए वादों की परीक्षा लेने का वक्त है। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ”क्या हम भारतीय आजादी, समानता और गरिमा की शर्तों के साथ जी रहे हैं? ये ऐसे प्रश्न हैं जिन्हें मैं खुद से पूछता हूं। निसंदेह काफी तरक्की हुई है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। आज हमें सिर्फ जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि भविष्य के लिए एक खाका तैयार करना चाहिए।” गौरतलब है कि 26 नवम्बर को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।