कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नए स्वरूप से जूझती नजर आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सहित पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को चिंताजनक बताते हुए शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘बूस्टर’ खुराक लगाने के बारे में फैसला करना चाहिए। इसके साथ ही गहलोत ने दूसरी खुराक लगाने के लिए अभियान चलाने पर जोर दिया।
दूसरी खुराक नहीं लगे तब पहली का फायदा नहीं होता
गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘देश में लोगों को दूसरी खुराक ही नहीं लगी है और जब तक आपको दूसरी खुराक नहीं लगे तब पहली का फायदा नहीं होता। बचाव के लिए दोनों खुराक लेना जरूरी है। देश में दूसरी खुराक तो सिर्फ 35-40 प्रतिशत लगी है। तो एक अभियान चले देश में जिसमें दूसरी खुराक लग जाए, उसके बाद में नंबर आएगा बूस्टर डोज का।’ केंद्र सरकार द्वारा ‘बूस्टर’ खुराक के बारे में फैसला किए जाने पर जोर देते हुए गहलोत ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि जिसको खुराक लगे सालभर होने को आ गया है, उसका प्रभाव कम हो जाता है, आपको चाहिए कि आप बूस्टर खुराक की अनुमति दें, जिसे दो खुराक लग गई उसको तीसरी बूस्टर खुराक भी लगे।’
बुजुर्ग हैं या बीमार हैं उनको बूस्टर खुराक नहीं लगेगी तो फिर तकलीफ हो सकती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बारे में अभी फैसला नहीं किया है शायद वे चाहते हैं कि पहले लोगों को दूसरी खुराक लगे। गहलोत के अनुसार लेकिन जो बुजुर्ग हैं या बीमार हैं अगर उनको बूस्टर खुराक नहीं लगेगी तो फिर तकलीफ हो सकती है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी। मुंबई यात्रा से यहां पहुंचे गहलोत ने यहां ईएचसीसी हॉस्पिटल में भर्ती जैन साध्वी प्रमुख कनखप्रभा जी से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और कुशलक्षेम जानी।