राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होने के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, यह बैठक दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे होगी। इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता लगातार पांचवें दिन 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में आईटीओ पर सुबह 9 बजे मापा गया AQI बहुत खराब श्रेणी में 400 दर्ज किया गया।
सुबह 9 बजे पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार का AQI डेटा 398 पर फिर से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 488 दर्ज की गई, जो एक दिन पहले 410 थी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण IV को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया।
डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से भी अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का भी खतरा पैदा हो सकता है। पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले शहर में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।
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