महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि सीएए से डरने की जरूरत नहीं है और एनपीआर से किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा।
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है कि राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) मुसलमानों के लिये खतरनाक है।
ठाकरे ने प्रधानमंत्री के साथ लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और एनआरसी पर चर्चा की।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”मैं इन सभी मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट कर चुका हूं। किसी को भी सीएए से डरने की जरूरत नहीं है। मैंने कहा था कि सीएए किसी को देश से बाहर निकालने का कानून नहीं है।”
मुलाकात के दौरान ठाकरे के साथ उनके पुत्र और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मंत्री आदित्य ठाकरे भी थे। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनने के बाद ठाकरे की मोदी से यह पहली बैठक थी।
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की। मुलाकातों के दौरान उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे।
इससे पहले ठाकरे ने कहा ”महाराष्ट्र के मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा अच्छी रही। मैंने प्रधानमंत्री के साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भी चर्चा की। सीएए से किसी को डरने की जरूरत नहीं। एनपीआर से किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा।”
उन्होंने गठबंधन सरकार में टकराव से इनकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस और राकांपा एनपीआर और सीएए पर मुख्यमंत्री के रुख को लेकर नाराज हैं।
ठाकरे ने कहा, ”गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगी दलों के बीच कोई टकराव नहीं है। हम पांच साल सरकार चलाएंगे।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार को हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।