उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूसरे प्रदेशों में हो रही ताबड़तोड़ यात्राओं से साफ है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की रणनीति बना रही है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि योगी की केरल और गुजरात के बाद कल से हिमाचल प्रदेश की यात्रा शुरू हो रही है। इससे साफ है कि संगठन उन्हें सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रखना चाहता।
योगी की दो दिवसीय हिमाचल प्रदेश की यात्रा के बाद वह जल्द ही फिर गुजरात जायेंगे। योगी अपने पहनावे की वजह से बिना कुछ कहे हिन्दुत्व का संदेश दे देते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा इसी वजह से एक सोची समझी रणनीति के तहत उन्हें कई अन्य राज्यों में लगातार भेज रही है। इसी महीने की शुरुआत में योगी को केरल भेजा गया था। वह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की ‘जन रक्षा यात्रा’ में शामिल होने के लिये केरल गये थे। पहनावे की वजह और महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के कारण वह वहां आकर्षण का केंद्र रहे।
राजनीति-योगी हिमाचल दो अन्तिम लखनऊ योगी केरल के कन्नूर में शाह की जन रक्षा यात्रा में शामिल होने गये थे। वहां उन्होंने केरल की वामपंथी सरकार को राजनीतिक हत्याओं के लिये कठघरे में खड़ करने की कोशिश की थी। वहां की सरकार के खिलाफ अपनी कार्यशैली के मुताबिक आक्रामक रुख अपनाया था। उनके समर्थकों का दावा है कि उनके आक्रामक रुख की वजह से केरल का एक बड़ तबका प्रभावित हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केरल में कहा था कि राजनीतिक संरक्षण में हत्यायें हो रही हैं। भाजपा ने इन हत्याओं के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिये यह यात्रा निकाली थी।
गुजरात पहुंचकर योगी ने उत्तर प्रदेश से गुजरात का अटूट रिश्ता बताया, कहा कि उत्तर प्रदेश में पैदा हुए कृष्ण गुजरात तक आये। उत्तर प्रदेश में ही जन्म लेने वाले स्वामी नारायण ने गुजरात में काफी काम किया। गोरखनाथ भी गुजरात से आये थे। उन्होंने वहां से मानवता की शिक्षा दी। गुजरात और उत्तर प्रदेश का गहरा सम्बंध है।भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ योगी को राष्ट्रीय स्तर पर उभारना चाहती है।
भाजपा उन्हें केरल भेजने से पहले बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा में विभिन्न कार्यक्रमों में भेज चुकी है। हिमाचल प्रदेश भी वह जा रहे है। उड़सा विधानसभा चुनाव में भी उनके कई कार्यक्रम लगने वाले है। उनका कहना है कि देश के उत्तरी क्षेत्र में योगी को पहचान की जरुरत नहीं है। दक्षिण में उनके पोशाक और प्रखर हिन्दुत्व की सोच योगी को पहचान दिला देगी। आरएसएस का मानना है कि योगी को पूरे देश में भेजा जाय, ताकि उनकी पहचान उत्तर भारत तक सीमित न रह जाय।
राजनीतिक विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा कि योगी की पोशाक से ही प्रखर हिन्दुत्व का संदेश जाता है। उनका मानना है कि संघ देश के अन्य भागों में भी हिन्दुत्व का परचम फहराना चाहता है। इसीलिए योगी के कार्यक्रम लग रहे हैं। कुमार के अनुसार अयोध्या के राम मन्दिर आन्दोलन के नेता रहे विनय कटियार जैसे नेताओं की धार समय के साथ कुन्द हो चली है, इसलिये आरएसएस योगी को आगे बढ़ने की फिराक में है ताकि हिन्दुत्व की पताका पूरे देश में मजबूती के साथ फहरायी जा सके।