उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के बाद शनिवार को पहली बार गोरखपुर आए। एयरपोर्ट से गोरखनाथ मंदिर तक स्वागत का जो सिलसिला शुरू हुआ व महानगर गोरखपुर में देर रात तक चलते रहा। इन रास्तों पर मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक अभिनंदन किया गया।
सीएम की सवारी पर फूलों की बारिश की
मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की समाधि मंदिर में उन्हें श्रीराम नाम चुनरी भी ओढ़ाई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर श्रीराम चित्रांकित केसरिया ध्वजा लहराते, झूमते-नाचते युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने सीएम की सवारी पर फूलों की बारिश की। जगह-जगह सत्कार का नयनाभिराम नजारा पेश करते लोक कलाकारों के दल, मानव श्रृंखला बनाकर खड़े रहे और जय श्रीराम, योगी को है धन्यवाद का गगनभेदी उद्घोष करते लोगों का उत्साहित हुजूम देखा गया।
अपने गुरु की प्रतिमा के समक्ष योगी काफी हुए भावुक
शनिवार (27 जनवरी) को उनका आगमन उपलब्धि के उस शिखर को स्पर्श करने के बाद हुआ, जिसकी परिकल्पना, संघर्ष और परिणाम तक गोरक्षपीठ की केंद्रीय भूमिका रही। यह उपलब्धि है करीब पांच सौ सालों की संघर्षमय प्रतीक्षा के बाद अयोध्याधाम में नव्य, भव्य, दिव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह की।
गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह में शंख ध्वनि, वेदपाठी विद्यार्थियों के मंगलाचरण के बीच शीश नवाकर गुरु गोरखनाथ जी का दर्शन पूजन किया। इसके बाद वह ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ की समाधि स्थल पर आए और श्रद्धासुमन अर्पित किए। अपने गुरु की प्रतिमा के समक्ष योगी काफी भावुक हो गए।