हरियाणा, दिल्ली राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सहित देश में उत्तर, मध्य और पूर्व के अधिकांश इलाकों में अगले दो दिनों तक शीत लहर के कारण प्रचंड सर्दी और घने कोहरे का प्रकोप जारी रहने के बीच नये साल की शुरुआत बारिश और ओलावृष्टि के साथ होने के पूर्वानुमान है।
इसके मद्देनजर अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह में ही कड़ाके की ठंड से राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में शीत लहर (कोल्ड वेव) की स्थिति उत्पन्न होने की आधिकारिक घोषणा करते हुये 28 और 29 दिसंबर को सामान्य से अधिक सर्दी की चेतावनी जारी की है।
विभाग ने पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 30 दिसंबर की रात से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 31 दिसंबर और एक जनवरी को उत्तर पश्चिमी एवं मध्य भारत में बारिश एवं ओलावृष्टि का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस कम होने के कारण इन क्षेत्रों में पिछले दस दिनों से शीत दिवस (कोल्ड डे) की स्थिति बरकरार थी। मौसम विज्ञान के मानकों के मुताबिक दिन के तापमान में गिरावट और रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने पर कोल्ड डे की स्थिति होती है जबकि दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट आने पर शीत लहर की स्थिति उत्पन्न होती है।
विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र ने हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, और उत्तरी राजस्थान के कुछ इलाकों में शुक्रवार से रविवार तक ‘गंभीर शीत लहर’ (सीवियर कोल्ड वेव) की चेतावनी जारी की है। जबकि इसी अवधि में बिहार, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा के कुछ इलाकों में शीत लहर का प्रकोप रहेगा।
इन इलाकों में शीत लहर और गंभीर शीत लहर की स्थिति शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे के बाद से ही उत्पन्न हो गयी। विभाग ने अगले 48 घंटे तक इस स्थिति से कोई राहत नहीं मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, ‘‘पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 30 दिसंबर की रात से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभऔर निचले इलाकों से चलने वाली पूर्वी हवाओं के प्रभाव से 31 दिसंबर और एक जनवरी को जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के तमाम इलाकों में तथा पूर्वी भारत में दो जनवरी को हल्की से तेज बारिश तथा ओलावृष्टि की संभावना है।’’
विभाग ने कड़ाके की ठंड का दौर लगातार जारी रहने के पीछे पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ओर से हिमालयी क्षेत्र में चल रही उत्तर पश्चिमी सर्द हवाओं को मुख्य वजह बताया है।
इस बीच 30 दिसंबर की रात में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुये दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में 31 दिसंबर को बारिश की आशंका भी जतायी गयी है। स्पष्ट है कि कंपा देने वाली सर्दी के साथ ही नये साल की शुरुआत होगी।
दिल्ली में शीत लहर का प्रकोप, 4.2 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान
शीतलहर की गिरफ्त में आई राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम और इस मौसम का सबसे कम तापमान है।
मौसम विभाग के अनुसार सप्ताहांत में तापमान और गिरने की संभावना है।
शहर में वर्ष 1997 के बाद पहली बार लोग दिसंबर में इतनी ठंड का सामना कर रहे हैं। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री कम है।
वायु की धीमी गति, उच्च आर्द्रता स्तर और ठंडे मौसम के कारण शहर में शाम चार बजे वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ (373) की श्रेणी में दर्ज की गयी।
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल दिसंबर का महीना 1901 के बाद से दूसरा सबसे ठंडा महीना रहने की उम्मीद है।
भारतीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दिसंबर में औसत अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम 1919, 1929, 1961 और 1997 में रहा है।’’
इस साल दिसंबर माह में गुरुवार तक औसत अधिकतम तापमान 19.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और इसके 31 दिसंबर तक 19.15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने की संभावना है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ अगर ऐसा होता है तो यह 1901 के बाद दूसरा सबसे सर्द दिसंबर होगा। दिसंबर 1997 में औसत अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।’’
दिल्ली में लगातार 14वें दिन कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और इससे पहले 1997 में ऐसा हुआ था जब ऐसे ही लगातार 13 दिन कड़ाके की सर्दी पड़ी थी।
वर्ष 1992 के बाद दिल्ली में कड़ाके की ठंड केवल 1997, 1998, 2003 और 2014 में पड़ी थी।
अगले सप्ताह हवा की दिशा में बदलाव के कारण राहत की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार एक ‘शीत दिवस’ तब होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम हो और ‘गंभीर शीत दिवस’ तब होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 6.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है।