दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कुमार विश्वास की ओर से खालिस्तान समर्थकों का साथ देने का आरोप लगाए जाने के बाद ही पंजाब की सियासत गरमा गई है वहीं इसे लेकर कुछ हास्य कवियों ने केजरीवाल को एक ओपन लेटर लिखा है। कवियों के एक समूह ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल से माफी मांगने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने पूर्व पार्टी सहयोगी कुमार विश्वास के आरोपों का खंडन करते हुए कवियों का अपमान किया।
कवियों ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल पंजाब में 2017...
विश्वास ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ सहानुभूति थी। एक खुले पत्र में कवियों ने कहा कि वे केजरीवाल द्वारा उनका उपहास करने के कथित प्रयास से आहत हैं और कहा कि उन्हें कवियों का ‘‘अपमान’’ करने के बजाय आरोपों का मुकाबला करने के लिए तथ्यों के साथ बात करनी चाहिए थी। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 40 कवियों में गजेंद्र सोलंकी और दिनेश रघुवंशी शामिल हैं।
कवियों ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक कथित खालिस्तान समर्थक आतंकवादी के घर पर रुके थे और एक नकली पत्र का हवाला दिया, जिसमें चुनावों में आप को समर्थन दिया गया था।
केजरीवाल ने विश्वास के आरोप को ‘हास्यास्पद’ करार देते हुए खारिज किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘एक दिन, एक कवि ने (विश्वास ने) एक कविता सुनाई, जिसमें उन्होंने कहा कि सात साल पहले, केजरीवाल ने उनसे कहा था कि वह देश को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके बाद मैं एक हिस्से का प्रधानमंत्री बनूंगा और वह (आप के पूर्व नेता) दूसरे हिस्से के प्रधानमंत्री बनेंगे।’’
केजरीवाल ने कहा था, ‘‘इसके बाद (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी ने (आरोपों को) दोहराया। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ने राहुल का भाषण देखा और उन्हें अहसास हुआ कि देश में एक बड़ा आतंकवादी यहां है। कवि को धन्यवाद कि उसने आतंकवादी को पकड़ लिया।’’ कवियों के समूह ने कहा कि साहित्य जगत के लोगों ने क्रांतियों और इतिहास के अन्य महत्वपूर्ण मोड़ पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे केजरीवाल शायद भूल गए हैं।