कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान वन संरक्षण से जुड़े एक कानून को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वह राजनीतिक भाषण के प्रवाह में बहकर ऐसा बोल गए।
दरअसल, गत 23 अप्रैल को मध्य प्रदेश में एक चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘’नरेंद्र मोदी ने एक नया कानून बनाया है, आदिवासियों के लिए एक नया कानून बनाया है, उसमें एक लाइन लिखी है कि आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा।
कानून में लिखा है कि आदिवासियों पर आक्रमण होगा। आपकी जमीन छीनते हैं, जंगल लेते हैं, जल लेते हैं और फिर कहते हैं कि आदिवासियों को गोली मार दी जाएगी। ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए।’
इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर आयोग ने तीन मई को गांधी को नोटिस जारी किया था।
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि गांधी के वकील ने आयोग के समक्ष दायर जवाब में कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने राजनीतिक भाषण के प्रवाह में बहकर यह बयान दिया था।
गांधी ने यह बयान भारतीय वन कानून में प्रस्तावित संशोधनों के संदर्भ में दिया था।