कटक : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास और कानूनी पेशे के विस्तार के कारण वाणिज्यिक और कारोबारी कानून अब अधिक महत्वपूर्ण, जटिल और बौद्धिक उत्प्रेरक हो गये हैं। श्री कोविंद ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा के तीसरे स्थापना दिवस व्याख्यान में कहा कि व्यापार और वाणिज्य, अंतरराष्ट्रीय समझौते और यहां तक कूटनीतिक मसले भी वकीलों और विधि विशेषज्ञों के पास वार्ता और कुशल मसौदा प्रारुप के लिए लाये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता और विधिक सेवाओं के भूमंडलीकरण ने आज के वकीलों को शेष विश्व से जोड़ दिया है। कानूनी पेशे के आधुनिकीकरण से विधि स्नातकों और युवा वकीलों के लिए इस क्षेत्र में अवसर बढ़ रहे हैं। श्री कोविंद ने कहा कि अदालतों में मुकदमे लड़ना कानूनी पेशे का मुख्य कार्य है लेकिन अब एक विधि स्नातक अपने लिए कई तरह राहें खोज सकता है। इस तरह के अवसर पहले उपलब्ध नहीं थे। राष्ट्रपति ने कहा कि वकील, अदालत का विधि अधिकारी होता है, लेकिन उसकी जिम्मेदारी मुवक्किल के प्रति होती है। उसका कर्तव्य है कि वह अदालत में न्याय के लिए सहायता करे।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकार प्रसन्नता हुई है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा अपने छात्रों को नये क्षेत्रों से जोड़ रही है और उन्हें नयी जिम्मेदारियां दे रही है। यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल ई-कामर्स लॉ और कारपोरेट गवर्नेंस के भी प्रस्ताव दे रही है। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायालय दीपक मिश्रा ने स्थापना दिवस की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि आज का दिन स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,’ हमें आत्ममंथन करना है कि हम भविष्य के लिए क्या कर सकते हैं।
ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन ने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा का नाम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर है बल्कि इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द, प्रधान भी मौजूद थे। राष्ट्रपति आज सुबह भुवनेश्वर पहुंचे और नेताजी सुभाष चन्द, बोस राष्ट्रीय संग्रहालय भी गये। उन्होंने आनंद भवन संग्रहालय और अध्ययन केन्द, ओडिशा की जनता को समर्पित किया।
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