लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की अध्यक्षता वाली समिति दो से पांच मार्च के बीच संसद के निचले सदन में देखी गई अनुशासनहीनता की घटनाओं की जांच करेगी।
सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुए किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने सदन को सूचित किया, ‘लोकसभा अध्यक्ष ने इन घटनाओं की जांच करने और सदन को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए एक समिति बनाई है।’
सोलंकी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष समिति के अध्यक्ष होंगे और सभी राजनीतिक दलों से एक-एक सदस्य इसके सदस्य होंगे। सोलंकी ने बाद में सदन को अपराह्न् 12.45 तक के लिए स्थगित कर दिया।
लेकिन स्थगन से पहले, निचले सदन ने खनिज कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया। इससे पहले लोकसभा विपक्ष द्वारा फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगित हुई।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘इसे शुक्रवार अपराह्न् तक गठित किया जाना है। हर पार्टी से एक सदस्य समिति में होगा। सभी पार्टियां अपने सदस्य का नाम देंगी, जिन्हें समिति में शामिल किया जाएगा।’
जावड़ेकर ने कहा कि समिति सोमवार से हुई अनुशासनहीनता पर चर्चा करेगी और साथ ही शेष सत्र के लिए लोकसभा से कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित करने के फैसले को वापस लेने की मांग पर भी चर्चा करेगी।
गुरुवार को कांग्रेस के सात सांसदों को कथित तौर पर अनुशासनहीन व्यवहार के लिए बजट सत्र के दूसरे चरण के अंत तक के लिए निलंबित कर दिया गया। बजट सत्र का समापन तीन अप्रैल को होना है।
संसद का मौजूदा सत्र दो मार्च को शुरू हुआ था। खास तौर से कांग्रेस के विरोध को लेकर सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस 23 फरवरी को उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रही है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा, ‘सरकार किसी सांसद को संसद से बाहर नहीं करना चाहती है। लेकिन गुरुवार को जो हुआ वह भारत की आजादी के बाद 70 वर्षों में कभी नहीं हुआ।’
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि इस तरह का व्यवहार सदन में नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘इससे पहले सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अनुचित शब्द कहे गए, लेकिन हमने कुछ नहीं किया।’
इस बीच कांग्रेस सांसद लोकसभा में न्याय की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
लोकसभा में जोशी से पहले चौधरी ने कहा, ‘हमारे सात सांसदों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित किया गया है। हमें नहीं पता कि यह किस आधार पर किया गया है? यह मामूली बात नहीं है। हम सिर्फ दिल्ली हिंसा पर चर्चा चाहते हैं।’