पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा और भागलपुर में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुये कहा कि समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। श्री कुमार ने यहां जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के ‘समृद्धशाली बिहार, गौरवशाली बिहार : युवाओं की भूमिका’ विषय पर आधारित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि दरभंगा में हाल ही में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई।
हत्या का कारण चौक का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर होना बताया गया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा, ‘जब मैने पुलिस महानिदेशक से मामले के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि हत्या का कारण दो परिवारों के बीच भूमि विवाद है।’ श्री कुमार ने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखना केवल सरकार की जिम्मेवारी नहीं है बल्कि इसमें मीडिया की भी अहम भूमिका होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति उत्तेजना फैलाने वाले बयान देता है तो मीडिया का दायित्व है कि उसे ज्यादा कवरेज न दे। इससे सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में सांप्रदायिक सछ्वाव बरकरार रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं और इसे बिगाड़ने का प्रयास करने वालों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। । हमारी प्रतिबद्धता बिहार और राज्य के लोगों के प्रति है।
हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है, चाहे वे ऊंची जाति के हों, पिछड़ जाति के हों, अति पिछड़ जाति के हों, दलित हों, महादलित हों, पुरुष हों या महिला हों। सछ्वाव बिगाड़कर तत्काल लाभ प्राप्त किया जा सकता है लेकिन इससे दीर्घकालिक रूप से काफी नुकसान होता है।’ श्री कुमार ने भागलपुर में बिना अनुमति के जुलूस निकालने और उसके बाद दो पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प के संबंध में कहा कि इस मामले में प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री के पुत्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार की प्रतिबद्धता का ही उदाहरण है कि कानून का उल्लंघन करने वाले को बख्शा नहीं गया चाहे वह कितना ही रसूखदार क्यों न हों। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह फैलाने में संलिप्त लोगों को भी कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से समाज में तनाव उत्पन्न होता है और मामला भयावह रूप धारण न करे इसके लिए कभी-कभी स्थानीय प्रशासन को उस क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद करने पर मजबूर होना पड़ता है।
श्री कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष जिन आरोपों के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, केवल उस पर जनता के बीच जाकर उन्हें जवाब देने को कहा गया था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।
उन्होंने कहा कि श्री यादव का ऐसा नहीं करना ही उनका महागठबंधन से अलग होने का कारण बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि पिछड़े और वंचितों को मिलने वाला आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में लक्षित समूहों को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है और इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने का कोई साहस भी नहीं कर सकता है।
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