रिण घोटाले में फंसे हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनियों को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की सिर्फ मुंबई में ब्रैडी हाउस शाखा से ही नहीं बल्कि इस बैंक की हांगकांग और दुबई की शाखाओं से भी ऋण सुविधा मिली हुई थी। बैंक की एक आंतरिक जांच रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। यह रपट सरकारी जांच एजेंसियों को सौंपी गयी है।
इसके मुताबिक , नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड लिमिटेड हांगकांग और फायरस्टार डायमंड एफजेडई दुबई को बैंक की हांगकांग और दुबई की शाखाओं से ऋण सुविधा मिली थी। नीरव मोदी और उसकी कंपनियों का पीएनबी के साथ करीब 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सार्वजनिक होने के बाद इन दोनों कंपनियों को इन साखाओं से उधार लेने की सुविधा वापस ले ली गयी।
आंतरिक जांच में नीरव मोदी समूह के दुबई और हांगकांग के खातों से लेन देन में धोखाधड़ी के निशान नहीं मिले हैं।
162 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेडी हाउस शाखा के कुछ कर्मचारियों ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की कंपनियों को कई वर्ष तक विदेश से माल आयात के लिए फर्जी गारंटी पत्र जारी किए ।
यह गोरखधंधा को देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला बताया जा रहा है। इसमें पीएनबी को कुल डूबी 14,356 करोड़ रुपये की राशि के लिए गत मार्च में समाप्त हुई पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 7,178 करोड़ रुपये की हानि का प्रावधान किया। बाकी नुकसान को इसके आगे की तीन तिमाहियों में समायोजित किया जाएगा।
पीएनबी ने नीरव मोदी की कंपनियों के पक्ष में जारी वचन-पत्र (एनओयू) और विदेशों में भुनाने योग्य साख-पत्र (एफएलसी) के बदले बैंकों को 6,586.11 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
ईडी का शिकंजा
आपको बता दे कि नीरव और उसके परिवार वालों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। पिछले महीने ईडी द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने पीएनबी से अरबों रुपये का कर्ज लेकर भागे मोदी के खिलाफ यह कदम उठाया है।
इस संबंध में ईडी ने पिछले सप्ताह ही आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए विशेष अदालत से अपील की थी। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के विशेष जज सलमान आजमी ने नीरव और 10 अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
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