रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के तीसरे कार्यकाल का चुनावी बजट फरवरी माह में ही पेश हो जाएगा। चुनावी वर्ष के चलते सरकार ने इस बार एक माह पहले ही बजट प्रस्तुत करने का निर्णय ले लिया है। विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। चुनावी और परफार्मेंस बजट के संकेतों के बाद इसके कई मायने भी तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से इस बार सभी प्रस्तावों पर मुहर लगाई जा रही है।
करीब एक लाख करोड़ के बजट में सरकार की ओर से सभी वर्गों को रियायत देने की कोशिशें होगी। विशेष तौर पर सूखे की मार झेल रहे किसानों को साधने के लिए सरकार की ओर से विशेष सहायता देने की तैयारी है। बतौर वित्त मंत्री इस बार भी मुख्यमंत्री रमन सिंह मुख्य बजट पेश करेंगे।
हालांकि विपक्ष ने बीते शीतकालीन सत्र में ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इसके चलते इस बार सरकार के कामकाज का उन मुद्दों के आधार पर विरोध ही होगा। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार की घेरेबंदी के साथ अनावश्यक प्रावधानों का विपक्ष विरोध करेगी। किसानों को सरकार ने पहले ही इस साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के एवज में 300 रूपए बोनस देने का ऐलान कर दिया है। इस बार बोनस की राशि में कुछ बढ़ोतरी के संकेत हैं।
इधर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के बजट में कुछ फीसदी बढ़ोतरी के संकेत भी दिए हैं। इनमें स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास विभाग को बड़ा बजट मिल सकता है। इसके अलावा कृषि बजट में नए सिरे से अलग प्रावधान होंगे। माना जा रहा है कि रियायतों और सौगातों से भरे बजट में विशेष फोकस किसानों पर ही होगा।
राज्य में किसानों को सरकार की ओर से बोनस के साथ अन्य आर्थिक सहायता दी जा सकती है। इधर सरकार की ओर से करों में कोई बढ़ोतरी करने से परहेज हो सकता है। वहीं युवाओं और महिलाओं को बजट में कुछ नया देकर साधने की कोशिशें होगी। चुनावी साल में सरकार आम लोगों पर कोई नया कर थोपने के मूड में नहीं है। इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वैट कम कर आम लोगों को सीधे राहत देने का भी ऐलान हो सकता है।
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