केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर तेजी से ठोस काम हो रहा है और इसके साथ ही लोग स्वच्छता तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए है। तोमर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश के आर्थिक विकास के कारण कमजोर लोगों के लिए आजीविका में सुधार लाने में काफी प्रगति हुई है, तो वहीं, आम लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठ रहा है।
सरकार ने बचपन में कुपोषण और अविकसितता रोकने के लिए पोषण संबंधी योजनाओं पर गत वर्ष पौने 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस बजट में एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम- मिशन पोषण की भी घोषणा की गई है।
कृषि मंत्री ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर, पीएचडी चैम्बर ऑ़फ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा, स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन, विषय पर आयोजित वेब संगोष्ठी में कहा कि सरकार ने समाज के विकास-कल्याण के लिए पोषण के महत्व के मद्देनजर स्कूलों में मध्याह्न भोजन, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को राशन, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए रियायती अनाज उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए है।
इसमें आंगनवाड़यिं और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि पौष्टिक खाद्य उत्पाद सुनिश्चित करना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का अभिन्न पहलू है, यह सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से भी एक है। कृषि-खाद्य क्षेत्रों में विविध सुधारों और उपायों के कारण भारत में खाद्यान्न, फल-सब्जियां, डेयरी, मांस, पोल्ट्री आदि का उच्च उत्पादन देखा जा रहा है। तोमर ने कहा कि नवीनतम तकनीक के प्रसंस्करण के जरिये, भोजन के पोषक मूल्य को संरक्षित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने निवेश आकर्षित करने व सुगम व्यापार को बढ़वा देने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना लागू की है। मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता देने को सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना भी शुरू की है। ये योजनाएं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के निर्बाध विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी तथा खाद्य सुरक्षा व पोषण के मुद्दों को भी बढ़वा देगी।