केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी कि देश के 10 राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। देश के विभिन्न भागों में सोमवार को सैकड़ों पक्षियों की मौत के मामले सामने आए। सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए तमाम कदम उठाने के बीच राज्यों से मुर्गा मंडियों को बंद नहीं करने अथवा कुक्कुट उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा क्योंकि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी राज्यों से इसका प्रसार रोकने के लिए सावधान रहने को कहा। साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन से जलाशयों के आसपास, चिड़ियाघरों और मुर्गी पालन केंद्रों पर निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशु पालन विभाग के बीच जितना अधिक समन्वय होगा, उतनी ही तेजी से हम बर्ड फ्लू के नियंत्रित करने में सफल होंगे।’’
अधिकारियों ने कुक्कुट उत्पादों के उपभोक्ताओं का डर दूर करते हुए कहा कि अच्छी तरह से पके हुए चिकन और अच्छी तरह उबले एवं पकाए हुए अंडों का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि वायरस उच्च तापमान में जीवित नहीं रह सकता। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एक बयान में कहा, ” 11 जनवरी 2021 तक देश के 10 राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हो चुकी है।”
दस जनवरी तक सात राज्यों केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के प्रकोप की पुष्टि हुई थी। वहीं, सोमवार को दिल्ली, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में भी इस वायरस संक्रमण की पुष्टि की गई है। केंद्र ने पक्षियों को मारने की कार्रवाई के लिए राज्यों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और अन्य आवश्यक उपकरणों का भंडारण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
उधर, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं है और ऐसे में उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दिल्ली समेत सभी राज्य सरकारों से मुर्गा मंडियों को बंद नहीं करने अथवा कुक्कुट उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा है। वहीं, दिल्ली सरकार ने संजय झील में बत्तखों के बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए जाने के बाद शहर के बाहर से प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) तथा पैक किया हुआ चिकन लाकर बेचने पर सोमवार को पाबंदी लगा दी।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि अब तक केवल संजय झील की बत्तखों में ही बर्ड फ्लू संक्रमण पाया गया है। उन्होंने कहा कि लोग घबराएं नहीं, चिंता की कोई बात नहीं है। बहरहाल, अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के तीन इलाकों से लिये गए आठ नमूनों में भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के दौरान एवियन इंफ्लुएंजा संक्रमण की पुष्टि हुई है।
दिल्ली सरकार के विकास विभाग की पशुपालन इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश सिंह ने कहा कि सभी आठ नमूनों में एवियन इंफ्लुएंजा का संक्रमण पाया गया है। इनमें से चार नमूने मयूर विहार फेज-तीन के एक पार्क से, तीन संजय झील से और एक नमूना द्वारका से लिया गया था। संजय झील के पास बत्तखों को मारने की कार्रवाई शुरू की गई है। दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के चलते संक्रमित पक्षियों को मारने की कार्रवाई शुरू की गई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्ड फ्लू के डर के बीच अन्य राज्यों से आ रहे सभी पोल्ट्री (कुक्कुट से संबंधित) उत्पादों पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। एक बयान में यहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पोल्ट्री उत्पादों के जरिए अन्य राज्यों से संक्रमण का स्रोत न आ जाए, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसी बीच विभिन्न प्रजातियों के 122 प्रवासी पक्षी पौंग बांध झील वन्यजीव अभयारण्य में सोमवार को मृत मिले हैं। इसके साथ ही अब तक 4,357 प्रवासी जल पक्षियों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड के देहरादून और ऋषिकेश में कई कौओं समेत करीब 200 पक्षी मृत मिले हैं। देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में 165 पक्षी मृत मिले हैं, जिनमें से अकेले भंडारी बाग क्षेत्र में 121 कौए मृत पाए गए हैं । वन प्रभागीय अधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि देहरादून में मृत मिले पक्षियों में से 162 कौए, दो कबूतर और एक अन्य पक्षी है । मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जे एस सुहाग ने बताया कि पक्षियों की मौत की वजह जानने के लिए उनके नमूने उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजे गए हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर और बलिया जिलों में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। राज्य में इस फ्लू की रोकथाम के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। कानपुर चिड़ियाघर में मरे कुछ पक्षियों में बर्ड फ्लू पाए जाने के बाद लखनऊ प्राणी उद्यान प्रशासन ने अपने यहां पक्षियों के बाड़े को दर्शकों के लिए बंद कर दिया है और पक्षियों के आदान-प्रदान कार्यक्रम को भी अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है।
प्रदेश के शाहजहांपुर और बलिया जिलों में पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। उधर, बर्ड फ्लू के मद्देनजर बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्था (आईवीआरआई) में सोमवार से पक्षियों के नमूनों की जांच युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है। शाहजहांपुर जिले के कलान कस्बे में तीन बत्तखों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉक्टर जीवन दत्त ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आज आया है। तालाब में रहने वाली अन्य बत्तखों के सैंपलिंग कराई जा रही है बरेली स्थित आईवीआरआई में जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि बत्तखों की मौत कैसे हुई।
बलिया से मिली खबर के मुताबिक सहतवार थाना क्षेत्र में रविवार रात पांच कौवे संदिग्ध परिस्थितियों में मरे पाए गए। जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक मिश्र ने बताया कि सहतवार थाना क्षेत्र में कल रात पाँच कौवे मृत मिले हैं। वन विभाग ने सभी को अपने कब्जे में ले लिया है। उनके नमूने परीक्षण के लिए भोपाल भेजे जा रहे हैं। बरेली से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आईवीआरआई में पक्षियों के सैंपल की जांच सोमवार से युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गयी है। एक दिन में लगभग 1200 नमूनों की जाँच का अनुमान है।
आईवीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर वी. के. गुप्ता ने बताया कि संस्थान पूरे साल बर्ड फ्लू की जांच करता है लेकिन अब संक्रमण का खतरा बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों से लगातार पक्षियों के नमूने जांच के लिए आ रहे हैं। अभी तक की जाँच में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
बरेली में ही स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि कानपुर में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से सीएआरआई प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। पक्षियों की आवाजाही के लिहाज से कानपुर काफी नजदीक है, इसलिए सीएआरआई में अभेद्य जैविक सुरक्षा का कवच तैयार किया गया है। बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा ने बताया कि ऐसे जलाशयों में निगरानी तेज कर दी गई है जहां प्रवासी पक्षी बहुतायत में आते हैं। जलाशयों के पास मरे पक्षियों की जांच कराने और लोगों को उनसे दूर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वहीं, महाराष्ट्र के परभणी, मुम्बई, बीड़ और दापोली में विभिन्न पक्षियों की मौत भोपाल की प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के आधार पर एविएन इंफ्लूएंजा से होने की पुष्टि हुई है। सुबह में परभनी के जिलाधिकारी दीपक मुगलीकर ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया था कि मुरुम्बा गांव के पॉल्ट्री फार्म में पिछले कुछ दिनों में करीब 900 मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि हुई है तथा जिला प्रशासन ने गांव में करीब 8,000 पक्षियों को मारने का फैसला किया है। कुमार ने बताया कि पशुपालन विभाग ने अपनी कार्ययोजना लागू करना पहले ही शुरू कर दिया है और पक्षियों को मारने का काम मंगलवार को शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि परभणी के संक्रमित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायर में 8000-10000 पक्षियों को मारा जाएगा। भोपाल के आईसीएआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सेक्युरिटी एनीमल डिजीज के अनुसार मुम्बई में दो कौवे बर्ड फ्लू से मर गये। उसकी रिपोर्ट के अनुसार ठाणे के तीन बगुले और एक तोता एच5एन1 एवियन इंफ्लुएंजा से संक्रमित थे। भोपाल के इसी संस्थान के मुताबिक इसके अलावा, परभणी के एक मुर्गे और दो बगुले तथा बीड़ एवं दापोली के कौवे एच5एन1 एंवियन इंफ्लुएंजा से संक्रमित थे।
गुजरात के सूरत और वडोदरा जिलों में भी मृत कौओं के नमूनों की जांच में उनके एवियन इंफ्लुएंजा से संक्रमित पाए जाने के बाद दोनों जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। पशुधन विभाग, सूरत की उप निदेशक नीलम दवे ने कहा कि छह जनवरी को सूरत के बरदोली तालुका में दो जगहों से चार कौओं के नमूने लेकर उन्हें भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा गया था।
अधिकारी ने कहा, ”उनके बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।” वडोदरा पशुधन विभाग के उप निदेशक प्रकाश दारजी ने कहा कि इसके अलावा वडोदरा के सालवी तालुका के वसंतपुरा गांव से पांच कौओं के नमूने एकत्रित किये गए थे, जिनमें से तीन कौओं के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वसंतपुरा गांव में छह जनवरी को 25 कौए मृत मिले थे।