कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा से संबंधित संवाददाता सम्मेलन में देरी कराने के लिए चुनाव आयोग पर ‘‘दबाव डाला’’ क्योंकि उन्हें राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करना था। निर्वाचन आयोग के प्रमुख ने इस दावे को खारिज किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सी ई सी) ओ पी रावत ने दिल्ली में कहा कि निर्वाचन आयोग दबाव में काम नहीं करता। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में विलंब के लिए तीन कारण बताए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कोलकाता में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर उसके संवाददाता सम्मेलन में देरी कराने के लिए ‘‘दबाव’’ डाला। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त का स्पष्टीकरण ‘‘निरर्थक’’ है और पूछा कि क्या भाजपा ‘‘सुपर ई सी (निर्वाचन आयोग)’’ है ?
निर्वाचन आयोग को अपराह्न 12:30 बजे संवाददाता सम्मेलन करना था, लेकिन इसने इसका समय बदलकर अपराह्न तीन बजे कर दिया। पांच राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होंगे। रावत ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई दबाव नहीं है…निर्वाचन आयोग दबाव में काम नहीं करता…यदि कोई सोचता है कि रियायत दी गई है तो वे शिकायत करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
PM मोदी नहीं चाहते अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो – महंत परमहंस
मुख्य चुनाव आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन का समय बदले जाने के तीन कारण बताए–तेलंगाना में मतदाता सूचियों के प्रकाशन के लिए समयसीमा का अंतिम समय में आकलन, उच्च न्यायालय का एक निर्देश कि मतदाता सूचियां प्रकाशन से पहले उसे दिखाई जाएं और खराब मौसम की संभावना की वजह से उपचुनावों में देरी के लिए एक राज्य से आग्रह।
संवाददाता सम्मेलन का समय बदले जाने के संबंध में कांग्रेस के आरोपों पर सिलसिलेवार सवालों के जवाब में रावत ने कहा, ‘‘राजनेता राजनीतिक प्राणी हैं और वे हर चीज में राजनीति देखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि तेलंगाना में मतदाता सूचियों को तकनीकी प्रणाली में डाले जाने में दिक्कत आ रही है और सी-डैक के इंजीनियर प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे कर्मियों की मदद के लिए मौके पर हैं।
अब, मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशान आठ अक्टूबर की जगह 12 अक्टूबर को होगा। रावत ने कहा कि मतदाता सूचियों के प्रकाशन में विलंब के मद्देनजर तेलंगाना में कार्यक्रम के अंत में चुनाव रखा गया है जिससे कि तैयारियों पर असर न पड़े। तेलंगाना और राजस्थान में एक चरण में सात दिसंबर को मतदान होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव अधिकारी आगामी दिनों में तेलंगाना और मिजोरम का दौरा करेंगे, हालांकि आम तौर पर इस तरह के दौरे चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले किए जाते हैं। सुरजेवाला हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विलंब पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण निरर्थक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्वाचन आयोग के संवाददाता सम्मेलन में विलंब कराने के लिए उस पर दबाव डालने के दोषी हैं क्योंकि उन्हें एक रैली संबोधित करनी थी।’’ प्रधानमंत्री ने अजमेर में एक रैली को संबोधित किया।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने इसी तरह की चीज पिछले साल गुजरात के लिए चुनावों की तारीख की घोषणा को लेकर की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और निर्वाचन आयोग दोनों को याद रखना चाहिए कि इस तरह की तरकीबों को कोई फायदा नहीं होगा और राजस्थान तथा भारत के लोग किसी तरह के प्रलोभन में नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने जनविरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ अपना मन बना लिया है।’’
सुरजेवाला ने बाद में एक ट्वीट में कहा, ‘‘गुजरात में भाजपा की आई टी सेल ने निर्वाचन आयोग से पहले ही चुनावों की तारीख ट्वीट कर दी थी। निर्वाचन आयोग ने गुजरात चुनावों को हिमाचल से अलग कर दिया जिससे कि प्रधानमंत्री कुछ घोषणाएं कर सकें। निर्वाचन आयोग ने फिर संवाददाता सम्मेलन में विलंब किया जिससे कि प्रधानमंत्री मोदी वही चीज राजस्थान में कर सकें। क्या भाजपा सुपर ई सी (निर्वाचन आयोग) है ?’’
उन्होंने कहा कि देश के लोग अपनी खुद की सरकार से ही हमले का सामना कर रहे हैं और रुपये के हर रोज लुढ़कने के साथ अर्थव्यवस्था डांवाडोल है। यह पूछे जाने पर कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कौन प्रधानमंत्री होगा, उन्होंने कहा, ‘‘लोग निर्णय करेंगे।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लेकिन यह लोगों की सरकार होगी और लोगों से युद्ध नहीं करेगी।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस देश के लोगों पर युद्ध घोषित कर दिया है और वर्तमान शासन को अगले चुनावों में हराना होगा।