किसानों की मौजूदा स्थिति को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह एक श्वेत पत्र को लाए और देश को पूर्ण रूप से साझा करें कि साल 2004 और 2014 में किसानों की आय में कितना इजाफा हुआ है।
मोदी ने किसानों से किया था वादा- कांग्रेस
पार्टी के किसान प्रकोष्ठ ‘अखिल भारतीय किसान कांग्रेस’ के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री के वादे के छह साल बीतने के बाद किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई, बल्कि घट गई। खैरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था। 2016 में इसके लिए समिति बनाई गई। 2016 से अब तक छह साल बीत गए हैं, लेकिन किसानों की आमदनी दोगुनी होने की बजाय कम हो गई है। किसानों पर कर्ज बहुत बढ़ गया है। इसकी वजह से आज देश के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में भी बड़े पैमाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि सरकार की नीतियों के चलते खेती की लागत लगातार बढ़ रही है और आमदनी कम हो रही है।
2014 से 2022 में किसानों की आय कितनी- कांग्रेस
खैरा ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार एक श्वेत पत्र जारी कर बताए कि 2004 में किसानों की आय कितनी थी, 2014 में कितनी थी और अब कितनी है।’’ उन्होंने दावा किया कि साल 2004 से 2014 के दौरान मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में किसानों की आय सही मायनों में दोगुनी हुई थी। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘2004 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने थे तो उस वक्त गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 640 रुपये प्रति कुंतल था जो 2013-14 में बढ़कर 1400 रुपये प्रति कुंतल हो गया था। इसी तरह उन 10 वर्षों में धान पर भी एमएसपी में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी।’’ खैरा ने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी लागू करना चाहिए।