पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसी के साथ इन राज्यों में चुनावी गहमागहमी का दौर तेज हो गया है। आरोप प्रत्यारोप लगने शुरू हो गए है। इस चुनावी जंग से पहले कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला करना तेज हो गया है। सोमवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर जमकर हमला बोला। उन्होंने मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या से जुड़े मामलों को आधार बनाते हुए कहा कि अरुण जेटली को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
सचिन पायलट ने कहा कि मोदी सरकार देश का पैसा लूटने वाले लोगों की मदद कर रही है, सरकार के पास पिछले साढ़े तीन साल से पंजाब नेशनल बैंक में चल रहे घोटाले की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल ने घपला किया और सरकार रोकने में नाकाम रही। इन लोगों ने देश के साथ गद्दारी की लेकिन इतनी आसानी से देश से कैसे भागे?
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी सोनाली जेटली और उनके पति को मेहुल चौकसी की कंपनी ने 24 लाख में बतौर रिटेनर Hire किया। बाद में ये 24 लाख वापस लौटा दिए गए लेकिन सवाल है कि सत्ता से जुड़े लोग ही भगोड़े लोगों की वकालत करने क्यों आगे आते हैं। पहले पैसा लेकर भगवाओ फिर कानूनी संरक्षण दो।
कांग्रेस नेता बोले कि एक फ्रॉड कंपनी का बचाव करने के लिए क्यों वित्त मंत्री की बेटी की फर्म को Hire किया ? ये सब खुद से नहीं हुआ, इसके पीछे पूरी साजिश है। पारदर्शिता की बात करने वाले PM की सरकार बेनकाब हो गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विरोधियों के खिलाफ ED, CBI का भयंकर इस्तेमाल कर रही है लेकिन अपनों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। सचिन पायलट बोले कि सीबीआई का खुद का दामन साफ नहीं है तो किस मुंह से भारत सरकार और सीबीआई अब भ्रष्टाचार वाले मामलों की जांच कर सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी वित्त मंत्री अरुण जेटली को इन्हीं मुद्दों पर घेर चुकी है। कुछ समय पहले विजय माल्या द्वारा खुलासा किया गया था कि वह देश छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मिला था, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी ने वित्त मंत्री का इस्तीफा मांगा था।