कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी है। आए दिन पार्टी के अंदर कई आवाजें और कई सवाल भी उठते रहते हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने पार्टी में सुधार की फिर से अपील करने वाले ‘जी-23’ नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुधार उस चीज पर अचानक सवाल उठाने से नहीं आता, जिसका वर्षों तक ‘‘फायदा उठाया गया’’ हो, बल्कि यह त्याग से आता है।
खुर्शीद ने सवाल किया कि जो लोग संगठनात्मक चुनावों का आह्वान कर रहे हैं, क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं। ‘जी-23’ के नेता एम वीरप्पा मोइली ने पार्टी को चुनावी रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसकी ‘‘बड़ी सर्जरी’’ की आवश्यकता पर जोर दिया था।
मोइली के इस बयान के कुछ दिन बाद खुर्शीद ने कहा कि ये ‘‘अच्छे वाक्यांश उत्तर नहीं हैं’’, क्योंकि पार्टी नेताओं को पिछले 10 वर्ष में पैदा हुई चुनौतियों से मिलकर निपटने की जरूरत है। खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी को करना है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि राहुल पार्टी अध्यक्ष हों या न हों, वह ‘‘हमारे नेता’’ रहेंगे।
सूत्र- भाषा