कांग्रेस में वरिष्ठ, बुजुर्ग नेताओं और टीम राहुल के बीच का टकराव खुलकर सामने आ गया है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पार्टी नेताओं पर निशाना साधा, जिन्होंने केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 सालों के शासन पर सवाल उठाए हैं। तिवारी ने उन्हें जानकारी से अनजान बताया है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी एकता पर एक विपरीत तस्वीर पेश करने के लिए भाजपा का उदाहरण दिया।
पंजाब के आनंदपुर साहिब से सांसद तिवारी ने ट्वीट किया, ”भाजपा 10 साल (2004-14) सत्ता से बाहर थी। एक बार भी उसने इसके लिए (अटल बिहारी) वाजपेयी या उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। कांग्रेस में, दुर्भाग्यवश, कुछ गलत जानकारी वाले (नेता) राजग/भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाए डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की आलोचना करने में लगे हुए हैं। जब एकजुटता की जरूरत है, तो वे बंटे हुए हैं।’
कई पार्टी सांसदों द्वारा संप्रग के शासन पर सवाल उठाने और कांग्रेस की गिरती साख पर पार्टी के भीतर आत्मचिंतन करने की मांग के बाद तिवारी ने यह टिप्पणी की है। राहुल की टीम के सदस्यों ने गुरुवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की बैठक के दौरान आत्मनिरीक्षण के लिए कहा था। 2014 के चुनावी हार का मुद्दा राजीव साटव ने उठाया था, जिसके बारे में आईएएनएस ने शुक्रवार को जानकारी दी थी। पार्टी के वरिष्ठ और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और अन्य ने फिर उन पर पलटवार किया था।