Rajkot Incident पर कांग्रेस की मांग, SC या HC के न्यायाधीश की निगरानी में हो जांच
Rajkot Incident: कांग्रेस ने गुजरात के राजकोट के एक गेम जोन में आग लगने की घटना को लेकर मंगलवार को दावा किया कि राज्य सरकार के स्तर पर कोई गंभीरता और चिंता नहीं है। साथ ही पार्टी ने निचले स्तर के अधिकारियों को निलंबित करने की बजाय वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
Highlights
- Rajkot Incident पर कांग्रेस की मांग
- 'SC या HC के न्यायाधीश की निगरानी में हो जांच'
- हादसे के बावजूद भी सरकार को नहीं है चिंता- गोहिल
SC या HC के न्यायाधीश की निगरानी में हो जांच- शक्ति सिंह गोहिल
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में इस घटना की जांच हो तथा पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजकोट का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करनी चाहिए। राजकोट के एक 'गेम जोन' में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग झुलस गए।
Rajkot Incident: शक्ति सिंह गोहिल का आरोप
Rajkot Incident मामले में गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ''राजकोट के एक गेम जोन में आग लगने से 31 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस गेम जोन में अग्निशमन सुरक्षा, आने-जाने के अलग रास्ते, आवासीय क्षेत्र से दूरी जैसे किसी भी सुरक्षा नियम का पालन नहीं किया गया था।'' उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के जान-माल के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन आज सरकार ही इसके साथ खिलवाड़ कर रही है। गोहिल ने सवाल किया, ''जब खुद बड़े-बड़े अधिकारियों का ही इस गेम जोन में आना-जाना हो, तो फिर छोटे अधिकारियों को निलंबित कर सरकार क्या साबित करना चाहती है? ''
राज्य सरकार को कोई चिंता नहीं- गोहिल
गोहिल ने कहा कि इतना सबकुछ होने के बावजूद कोई गंभीरता नहीं है तथा राज्य सरकार को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, ''गुजरात के राजकोट में हुआ हादसा, पहला हादसा नहीं है। सूरत में एक शिक्षण संस्थान में 22 बच्चों की जान चली गई थी। सूरत में पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला, लेकिन राजकोट के बच्चों को न्याय मिलना चाहिए।''
गुजरात में अच्छे अफसरों को दरकिनार कर जी-हुजूरी करने वालों को दी गई जगह
गोहिल ने कहा, ''इसी तरह, वडोदरा में नाव डूबने से 14 बच्चों की जान चली गई। उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। बनासकांठा में पुल गिरने से कई लोगों की जान चली गई। जो कंपनी यह पुल बना रही थी, उसे पहले भी प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन जैसे ही उसने भाजपा को चंदा दिया, उसे यह पुल बनाने का काम मिल गया।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''गुजरात सरकार में अच्छे और ईमानदार अफसरों को अलग कर, सरकार की जी-हुजूरी करने वालें अफसरों को जगह दी गई है। हालात ये हैं कि गुजरात में अच्छे अफसरों को दरकिनार कर उनका करियर खत्म किया जा रहा है।''
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।