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कांग्रेस ने लद्दाख को उचित तवज्जो नहीं दी, इसीलिए चीन डेमचोक में घुसा : BJP सांसद नामग्याल

संसद में अनुच्छेद 370 पर अपने जोशीले भाषण से चर्चा में आए लद्दाख से भाजपा सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल का मानना है कि कांग्रेस के शासन में इस क्षेत्र को रक्षा नीतियों में उचित तवज्जो नहीं दी गई

लेह : संसद में अनुच्छेद 370 पर अपने जोशीले भाषण से चर्चा में आए लद्दाख से भाजपा सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल का मानना है कि कांग्रेस के शासन में इस क्षेत्र को रक्षा नीतियों में उचित तवज्जो नहीं दी गई और इसीलिए ‘‘चीन ने डेमचोक सेक्टर तक इसके इलाके पर कब्जा कर लिया है।’’ 
पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए नामग्याल ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सरकारों ने शत्रुतापूर्ण स्थितियों में ‘‘तुष्टीकरण’’ की नीति का पालन कर कश्मीर को बर्बाद कर दिया और लद्दाख को भी इससे काफी क्षति पहुंची। 
नामग्याल ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘फॉरवर्ड पॉलिसी’ अपनाई जिसमें कहा गया कि हमें एक-एक इंच चीन की ओर बढ़ना चाहिए। इसके कार्यान्वयन के दौरान यह ‘बैकवर्ड पॉलिसी’ बन गई। चीनी सेना लगातार हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करती चली गई और हम लगातार पीछे हटते चले गए।’’ 
चौंतीस वर्षीय सांसद ने कहा, ‘‘यही वजह है कि अक्साई चिन पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान डेमचोक ‘नाला’ तक पहुंच गए क्योंकि लद्दाख को कांग्रेस के 55 साल के शासन में रक्षा नीतियों में उचित तवज्जो नहीं मिली।’’ 
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में चीन और भारत की सेनाओं के बीच तब गतिरोध पैदा हो गया था जब डेमचोक के पास भारत द्वारा अपने क्षेत्र में किए जा रहे ‘नाला’ या नहर निर्माण पर चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने आपत्ति जताई थी। 
इस साल जुलाई में कुछ तिब्बतियों द्वारा दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर तिब्बती झंडे लहराए जाने के बाद चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर डेमचोक सेक्टर में घुस गए। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बाद में कहा था, ‘‘कोई घुसपैठ नहीं हुई। चीनी आए और उन्होंने अपनी मानी हुई वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त की।’’ 
यह पूछे जाने पर कि लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने से रक्षा के परिप्रेक्ष्य से कैसे चीजें बदलेंगी, इस पर नामग्याल ने कहा कि क्षेत्र को अब अपनी उचित महत्ता मिलेगी। 
भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली की राजग की पिछली सरकार में गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घोषित की गई पुनर्वास परियोजना के क्रियान्वयन से सीमा पर गांवों से पलायन खत्म होगा। 
उन्होंने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में इन इलाकों में सड़कों, संपर्क, स्कूल और अस्पताल समेत शहर जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी तो सीमाएं सुरक्षित बन जाएंगी।’’ 
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर एक पखवाड़े पहले लोकसभा में अपने भाषण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से तारीफ बटोरने वाले नामग्याल ने कहा कि कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर गलती की थी। 
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा जब भी कश्मीर में हालात बिगड़े तो उसने (कांग्रेस) तुष्टीकरण की नीति अपनायी। वह कभी इससे सख्ती से नहीं निपटी।’’ 
नामग्याल ने कहा, ‘‘जब भी कश्मीर में हालात बिगड़े, कांग्रेस ने विशेष पैकेजों की घोषणा कर आक्रोश को शांत करने की कोशिश की। उसने पथराव करने वालों को खुश किया और अलगाववादियों को संरक्षण दिया। न उसकी नीति अच्छी थी और न ही मंशा। उसने कश्मीर को बर्बाद कर दिया और लद्दाख को भी इससे काफी क्षति पहुंची।’’
 
लद्दाख के सांसद ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद कश्मीर की स्थिति को लेकर केंद्र पर हमला करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि उनके जैसा व्यक्ति ‘‘अपनी कुर्सी बचाने के लिए’’ कुछ भी कह सकता है। 
नामग्याल ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने 55 साल तक शासन किया लेकिन वह इतना साहसी कदम उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पायी। अब वे इसे बेवकूफी बता रहे हैं। वह क्या कहते हैं, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’’ 
कश्मीर के साथ रहने से लद्दाख को हुए नुकसान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास यहां एक डिग्री कॉलेज है जो कश्मीर विश्वविद्यालय के तहत आता है। अगर किसी के नाम में गलती भी होती है तो छात्र को इसे सही कराने के लिए श्रीनगर जाना पड़ता है। अगर कश्मीर में दिक्कत है तो लद्दाख के छात्रों को तीन साल का पाठ्यक्रम पूरा करने में पांच साल लग जाते हैं।’’ 
उन्होंने कहा कि अगर लद्दाख के किसी सरकारी अधिकारी का तबादला या पदोन्नति लंबित होती थी तो उस कर्मचारी को फाइल आगे बढ़ाने के अनुरोध के लिए खुद श्रीनगर या जम्मू जाना पड़ता था। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बोधि भाषा’ के शिक्षकों के पदों को कश्मीरी भाषा के शिक्षकों के पदों में परिवर्तित कर दिया गया। 
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) के भविष्य पर नामग्याल ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने संसद में कहा है। एलएएचडीसी बकरार रहेगी। लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।’’ 
स्थानीय लोगों की इन आशंकाओं पर कि बाहरी लोग जमीन खरीदेंगे और लद्दाख के पर्यावरण को बर्बाद कर देंगे, इस पर भाजपा सांसद ने लोगों को आश्वासन दिया कि ऐसी कोई चीज नहीं होगी। 
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि बड़ी मछलियां (बाहरी लोग) छोटी मछलियों को खा जाएंगी। लद्दाख की भूमि उसके लोगों की है। लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद कानून, 1997 के अनुसार भूमि से संबंधित मामले एलएएचडीसी के तहत आते हैं।’’ 
नामग्याल ने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि लद्दाख में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां संभावनाओं को अभी तक तलाशा नहीं गया है और वहां निवेश से रोजगार पैदा होगा। 
सांसद ने पूछा, ‘‘क्या हमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए निवेश नहीं लाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत से लोग तैयार होंगे। 
नामग्याल ने कहा, ‘‘वे जमीन नहीं खरीद पाएंगे। उन्हें इसका पट्टा लेना होगा। हम नौकरियों में अपने लोगों और एलएएचडीसी के लिए रॉयल्टी की भी मांग करेंगे।’’ 
उन्होंने केंद्र से लद्दाख की भूमि, संस्कृति और पहचान की रक्षा करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची के तहत इसे जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का अनुरोध किया। 

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