देश के जाने-माने राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर की इन दिनों भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस से जुड़ने की अटकलें तेज है। ऐसे में पीके की राजनीतिक कंपनी IPAC ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, पीके की कंपनी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ एक समझौता किया है। राजनीतिक विश्लेशकों का मानना है कि यह समझौता आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर यानी पीके ने हैदराबाद में केसीआर) के आधिकारिक आवास पर रह रहे है।
पीके के सामने सोनिया ने रखी ये शर्त
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीके के समक्ष एक शर्त रखी थी कि वह पूरी तरह से कांग्रेस के प्रति निष्ठावान रहेंगे। इसके अलावा पीके किसी अन्य पार्टी के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखेंगे। लेकिन अब इस खबर के सामने आने के बाद दोनों के बीच कुछ हद तक कड़वाहट आ सकती है।
कांग्रेस के बड़े नेता लेंगे यह फैसला
राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि पीके के साथ लंबे दौर की वार्ता के बाद कांग्रेस पार्टी ने पीके के सामने कुछ शर्तें रखी है। तो वहीं, प्रशांत किशोर ने भी अपनी योजनाओं को स्पष्ट तौर पर कांग्रेस के समक्ष रखा और पार्टी को सोचने समझने के लिए 2 मई तक का समय दिया। सोमवार, 25 अप्रैल को कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक में इसपर फाइनल फैसला लिया जा सकता है।
पीके जल्द होंगे कांग्रेस में शामिल
हालांकि, इस संबंध में न तो अभी तक IPAC की ओर से और न ही प्रशांत किशोर की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है। गौरतलब है कि पीके और कांग्रेस के बीच कई दौर की लंबी वार्ता हो चुकी है। तो ऐसा माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक प्रशांत किशोर कांग्रेस में औपचारिक तौर पर शामिल हो सकते है। ज्ञात हों कि इससे पहले पिछले साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शानदार जीत के बाद प्रशांत किशोर (पीके) ने यह घोषणा की थी, वह अब सक्रिय राजनीति से नहीं जुड़ेंगे।