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विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद की परिस्थिति के लिए कांग्रेस ने कमर कसी, चार राज्यों में भेजे पर्यवेक्षक

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश आने की संभावित परिस्थिति में अपने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने के लिए तैयारी कर रही है।

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश आने की संभावित परिस्थिति में अपने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने के लिए तैयारी कर रही है और इसी क्रम में उसने इन प्रदेशों में अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है।  
इन नेताओं को मिली है जिम्मेदारी 
सूत्रों के अनुसार, अजय माकन और पवन खेड़ा को पंजाब, दीपेंद्र सिंह हुड्डा को उत्तराखंड, मुकुल वासनिक, टीएस सिंह देव और विंसेट पाला को मणिपुर और डीके शिवकुमार को गोवा के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उत्तराखंड में विधायकों को एकजुट रखने में अपनी भूमिका निभाएंगे। इन राज्यों के प्रभारी और चुनाव पर्यवेक्षक भी अगले कुछ दिनों तक चारों प्रदेशों में मौजूद रहेंगे। 
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन चारों चुनावी राज्य में मौजूद रहने के दौरान ये वरिष्ठ नेता खंडित जनादेश आने की स्थिति में अपनी पार्टी को एकजुट रखने के साथ ही स्थानीय दलों अथवा विधायकों से बातचीत करेंगे ताकि सरकार गठन की संभावना मजबूत बनी रहे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। हमारी कोशिश है कि किसी भी परिस्थिति के लिए हम तैयार रहें।’’  
विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रतिनिधियों को भी तैनात किया जा रहा है  
उत्तराखंड के लिए पर्यवेक्षक बनाए राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में आज देहरादून में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की और नतीजों के बाद की स्थिति को लेकर चर्चा की। कांग्रेस सूत्रों ने यह भी बताया कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रतिनिधियों को भी तैनात किया जा रहा है जो खंडित जनादेश आने की स्थिति में निर्वाचित विधायकों को लेकर संबंधित प्रदेशों की राजधानी में पहुंचेंगे जिसके बाद उन्हें जरूरत पड़ने पर जयपुर या रायपुर भी ले जाया जा सकता है।  
मतगणना 10 मार्च को होगी 
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश के पैदा हुई स्थिति से सबक लेते हुए इस बार समय रहते पूरी तैयारी रखना चाहती है। गोवा के पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, लेकिन भाजपा कुछ स्थानीय दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने में सफल रही। गोवा और उत्तराखंड की विधानसभा के लिए 14 फरवरी और पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान हुआ था। मणिपुर में 28 फरवरी और पांच मार्च को मतदान संपन्न हुआ था। इन चारों राज्यों और उत्तर प्रदेश में मतगणना 10 मार्च को होगी।

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