कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ संसद में पेश किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, जानें क्या है मामला?

कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ संसद में पेश किया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, जानें क्या है मामला?
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केरल के वायनाड में भूस्खलन पर उनके दावे को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। नोटिस में अमित शाह के इस दावे पर आपत्ति जताई गई है कि वायनाड में भूस्खलन से पहले केरल सरकार को चेतावनी दे दी गई थी। अमित शाह ने यह भी दावा किया था कि केरल सरकार ने चेतावनियों पर कार्रवाई नहीं की, जिसका जयराम रमेश ने विशेषाधिकार हनन नोटिस में खंडन किया।

  • वायनाड में भूस्खलन पर शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश हुआ
  • कांग्रेस सांसद ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया
  • वायनाड में हुए भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है

लगाए गए ये आरोप

नोटिस में कहा गया है, "यह स्पष्ट है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई प्रारंभिक चेतावनियों पर अपने जोरदार बयानों से राज्यसभा को गुमराह किया, जो झूठे साबित हुए हैं। यह अच्छी तरह से स्थापित है कि किसी मंत्री या सदस्य द्वारा सदन को गुमराह करना विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है।" राज्यसभा में 31 जुलाई को अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री ने दावा किया था कि भूस्खलन के बारे में केरल सरकार को 23 जुलाई को ही चेतावनी दे दी गई थी।

गृह मंत्री ने किया दावा

उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केंद्र ने केरल सरकार को चेतावनी दे दी थी और फिर 24 व 25 जुलाई को फिर से चेतावनी दी थी। 26 जुलाई को चेतावनी दी गई थी कि 20 सेमी से अधिक भारी बारिश की संभावना है और भूस्खलन की संभावना है।" वायनाड में हुए भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और ढही हुई इमारतों और मलबे के नीचे फंसे लोगों की तलाश जारी है। 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस बीच सोनप्रयाग-गौरीकुंड पहाड़ी रोड पर अचानक मलबा और बोल्डर गिर गया। इस रोड का इस्तेमाल रेस्क्यू के लिए किया जा रहा था। मलबा और बोल्डर गिरने से इस दो किलोमीटर लंबे वैकल्पिक मार्ग को क्षति पहुंची है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा मौके पर पहुंचे और उन्होंने आगे की कार्य योजना तैयार की है। SDRF की टीमों को सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू का निर्देश दिया गया है।ड्रोन की मदद से कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने टीमों को नई कार्य योजना से अवगत कराया। जिससे रेस्क्यू अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से चलाया जा सके। उन्होंने अगस्त्यमुनि और रतूड़ा से मौके पर पहुंची दो बैकअप टीमों को तत्काल सर्च और रेस्क्यू अभियान तेज करने के आदेश दिए। लिनचोली और केदारनाथ के हेलीपैड पर तैनात चार एसडीआरएफ टीमों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसडीआरएफ की टीमों ने अब तक दो किलोमीटर लंबे पहाड़ी मार्ग से 2 हजार 300 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया हैएसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस ने 737 लोगों का रेस्क्यू किया है।

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