उन्होंने कहा, इस सदन में हमारे संविधान की यात्रा और यात्रा के बारे में सभी लोग भली-भांति अनुभवी और परिचित हैं। औपनिवेशिक अतीत से लेकर स्वतंत्र भारत तक, हमने इस देश यानी भारत की नियति में बदलाव देखा है। चौधरी ने कहा, यह जानकर आश्चर्य होता है कि उन 389 सदस्यों ने दो साल 11 महीने और 19 दिनों से अधिक समय तक गहन विचार-विमर्श किया और संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बनाया। हमें 395 अनुच्छेद दिए गए हैं, साथ ही 22 भाग और आठ अनुसूचियां भी। तो स्वाभाविक रूप से सदन जिसे सेंट्रल हॉल कहा जाता है, यह एक ऐतिहासिक हॉल है, यह न केवल वास्तुशिल्प भव्यता से, बल्कि इसकी शानदार विरासत से जाना जाएगा।