ब्रिटेन ने अपने कोविड-19 यातायात नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन लेने वालों भारतीय यात्रियों को टीका लिया हुआ नहीं माना जाएगा। ब्रिटेन के इस फैसले को भारत के लिए भेदभाव बताते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ऐलान किया है कि वह अपनी आगामी ब्रिटेन यात्रा कैंसिल कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने अपनी यात्रा को रद्द करने का ऐलान करते हुए कहा, “ब्रिटिश हुकूमत के इस फैसले से जातिवाद की बू आती है। भारतीयों के साथ इस तरह का भेदभाव किया जाना गलत है। पूरी तरह से वैक्सीनेशन करवाने वाले भारतीयों को क्वारंटाइन के लिए कहना अपमानजनक है।”
ब्रिटेन के इस फैसले से नाराज थरूर अपनी एक किताब की लॉन्चिंग और कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बहस का कार्यक्रम रद्द कर दिया। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम नरेश ने भी ब्रिटेन के इस फैसले की आलोचना की है। ब्रिटेन ने शुक्रवार को अपने यात्रा नियमों ढील देते हुए पीली और हरी सूची को खत्म कर दिया था।
यात्रा नियम के तहत ब्रिटेन ने बनाई लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन लिस्ट
ब्रिटेन के कोविड-19 यातायात नियमों में बदलाव के तहत ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन लेने वालों को टीका लिया हुआ नहीं माना जाएगा, जबकि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पाए लोगों को मान्यता दी गई है। ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं।
खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग-अलग सूची में रखा गया है। अगर कोई देश रेड लिस्ट में है तो उससे आने वाले यात्री को ब्रिटेन पहुंचने के बाद 10 दिन होटल में क्वारंटाइन रहना जरूरी है और यह अवधि खत्म होने से 2 दिन पहले उसे कोरोना जांच भी करानी होती है। जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली है, उन्हें भी ये नियम मानने पड़ते हैं। क्वारंटाइन नियम का उल्लंघन करने पर 10 हजार पाउंड की पेनल्टी तक चुकानी पड़ती है। इसके अलावा यदि कोई यात्री नेगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट के बिना ब्रिटेन पहुंचता है तो उसपर 5 हजार पाउंड का जुर्माना लगाया जा सकता है।