राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की जाति को लेकर कांग्रेस नेताओं में आपस में ही अनबन हो गयी। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और उदित राज राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों के प्रारूप को लेकर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए।
भारत में हुई आखिरी जनगणना के मुताबिक दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है.
फिर “सरकारी ” राम मंदिर ट्रस्ट सिर्फ ब्राहमणों के भरोसे कैसे छोङा जाय?
सरकार बेईमानी कर रही है। बहुजनों से लठैती करवाती है और माल (ट्रस्ट) उङाये ब्राहमण ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 6, 2020
उदित राज ने ट्रस्ट में सिर्फ एक दलित व्यक्ति को स्थान दिए जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, “पिछली जनगणना के अनुसार दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना अधिक है। फिर सरकार ने राम मंदिर को ब्राह्मणों पर ही क्यों छोड़ दिया है?”पूर्व लोक सेवक उदित राज उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद रहे थे और पिछले साल आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
सोशल मीडिया पर उनका विरोध करते हुए कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य जितिन प्रसाद ने उन्हें याद दिलाने की कोशिश की, “विषय जो भी हो, कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर हमला करने की नहीं है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया, “मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जाति के लिए सकारात्मक प्रावधान और सभी के लिए समान अवसर की है।”
सरकार ने बुधवार को एक 15 सदस्यीय मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की, जिसमें हमेशा एक व्यक्ति दलित समुदाय से होगा। सरकार की ओर से कामेश्वर चौपाल को पहला दलित सदस्य नियुक्त किया गया है। दलितों और अन्य लोगों के मुद्दे को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं कल्याण सिंह और उमा भारती ने भी उठाया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने ट्रस्ट में पटना से अनुसूचित जाति के सदस्य कामेश्वर चौपाल को शामिल किए जाने का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई देना चाहता हूं।
इस जीवनकाल में अयोध्या में भव्य मंदिर को देखने की मेरी इच्छा अब पूरी हो सकती है। सिर्फ दलितों को ही नहीं बल्कि पिछड़ों को भी राम मंदिर ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। वे भी उतने ही राम भक्त हैं, जितने अन्य हैं।”