कांग्रेस नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने पर पार्टी कार्यालय पर छापा मरवाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने यह आरोप केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी पर लगाया है।
स्मृति ईरानी जी अब आप भारत सरकार की मंत्री है, झूठी खबर ट्वीट करना आपको शोभा नहीं देता, सच्चाई यह है कि वह BJP कार्यकर्ता है, उनके पिता सहित उसकी खुद की पोस्ट/फ़ोटो देख,अपने पार्टी के लोगों की पहचान कर लीजिए इन्ही लोगों ने आपको सांसद बनाया था, देश आपके झूठ और अफवाह से अवगत हो। pic.twitter.com/4GYx1bxMQr
— Deepak Singh (@DeepakSinghINC) April 20, 2020
कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने ट्वीट कर कहा कि “स्मृति ईरानी आप भूल कर रहीं हैं। आपने खुद तो अपने मंत्रालय से अमेठी को कुछ दिया नहीं और जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मदद कर रहे हैं तब अधिकारियों से छापा मरवाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि “यह सामान अमेठी की उस जनता के लिए है जो कांग्रेस के परिवार जैसी है। छापा मारने वाले अधिकारियों को जबाब देना पड़ेगा।”
जिला कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल सिंह ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट की इस घड़ी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के निर्देश पर अमेठी कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं कांग्रेसी साथी अमेठी के लोगों की मदद के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अनिल सिंह का आरोप है कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर ईरानी ने अमेठी के केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय गौरीगंज में स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा छापेमारी करवा कर घटिया हरकत की है।
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सिंह ने कहा कि ईरानी ने स्वयं सांसद होते हुए भी सदैव अमेठी की जनता का उपहास एवं अपमान ही किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भले ही आज देश के एक साथ खड़े होने की बात करते हों लेकिन उनकी मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में सिर्फ और सिर्फ तानाशाही तथा बदले की भावना से ही काम करती आईं हैं। साथ ही कहा कि अमेठी का जनमानस ईरानी के इस कृत्य से स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि गत एक अप्रैल को राहुल गांधी ने एक ट्रक गेहूं, एक ट्रक चावल और चार अप्रैल को 20 हजार मास्क,12 हजार सैनेटाइजर,10 हजार साबुन तथा 17 अप्रैल को पांच ट्रक चावल, पांच ट्रक आटा, एक ट्रक दाल एवं अन्य राहत सामग्री जरूरतमंदों की मदद के लिये अमेठी भिजवाई थी।