कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के मीडिया सेल की संयोजक प्रियंका चतुर्वेदी ने आज इस्तीफा दें दिया है। उन्होंने गुरुवार रात को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। वही, शुक्रवार सुबह प्रियंका ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर से प्रवक्ता की भूमिका को हटा दिया। वही, प्रियंका के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह जल्द ही शिवसेना में शामिल हो सकती हैं।
उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफे के प्रति शेयर करते हुए ट्वीट किया,”पिछले तीन दिनों से मुझे देश भर से जो समर्थन मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं। इस सफर का हिस्सा रहे सभी लोगों का धन्यवाद।” प्रियंका में अपने त्यागपत्र में कहा, ”मैं 10 वर्ष पहले युवा कांग्रेस के सदस्य के तौर पर कांग्रेस में शामिल हुई थी क्योंकि मुझे पार्टी की विचारधारा और आपकी (राहुल गांधी की) समावेशी, उदारवादी एवं प्रगतिशील राजनीति में विश्वास था। इन 10 वर्षों में मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई, उसका मैंने पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता से निर्वहन किया।”
उन्होंने कहा, ”मैंने पार्टी से कुछ ईनाम या रिर्टन नहीं मांगा क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि पार्टी नेतृत्व मेरी आकांक्षाओं का खयाल रखेगा।” प्रियंका ने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी चीजें हुईं जिनसे मुझे इसका अहसास हो गया कि संगठन को मेरी सेवा का कोई मूल्य नहीं है। मुझे यह भी लगा कि मैं जितना समय संगठन में रहूंगी, मुझे उतना अपने आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कीमत चुकानी पड़ेगी।’’
उन्होंने मथुरा की घटना की जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने चीजों की ‘जिस तरह से उपेक्षा’ की उससे स्पष्ट हो गया है कि अब मुझे कांग्रेस के बाहर जाना होगा। प्रियंका ने यह भी कहा कि वह राहुल गांधी, उनका उत्साहवर्धन करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करती हैं।
I am absolutely overwhelmed and grateful with the love and support I have got across board from the nation in the past 3 days.
I consider myself blessed with this immense outpouring of support. Thank you to all who have been a part of this journey. pic.twitter.com/WhUYYlwHLj— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 19, 2019
बता दें कि इससे पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले मथुरा के कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई निरस्त किए जाने का विरोध करते हुए दावा किया कि ऐसे लोगों को प्राथमिकता दिए जाना दुख की बात है।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था, ”बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है। पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।”