कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर आंतरिक चुनाव का परिणाम जारी हो गया हैं, चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारी मतों से पार्टी का चुनाव जीता हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे 24 साल बाद ऐसे पहले शख्स हैं जो गांधी परिवार से बाहर के सियासी व्यक्ति हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत पूर्ववत से ही तय मानी जा रही थी। लेकिन प्रतिद्वदीं प्रत्याशी शशि थरूर पार्टी में इलेक्शन कराने के लिए आमद थे। शशि थरूर को करीब1072 मत मिले हैं, जो कांग्रेस इतिहास की सबसे बुरी हार हैं। विजेता मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 मत मिले हैं, जो एकतरफा जीत के लिए काफी हैं। पार्टी के 457 लोगों के मत चुनाव समिति ने अमान्य कर दिया हैं। जो कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सवाल हैं। क्योंकि वोट पर सिर्फ नाम के आगे एक निशान को लगाना था। शशि थरूर ने पार्टी चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर चुनाव समिति चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन आज कांग्रेस को दो दशक के बाद गांधी परिवार से अलग व्यक्ति अध्यक्ष के रूप में मिल गया हैं।
आपको बता दे की मल्लिकार्जन खड़गे कर्नाटक राजनीति की पृष्ठभूमि से आते हैं। दक्षिण के कई राज्यों में मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा सियासी रूतबा हैं। लेकिन वरिष्ठता के चलते खड़गे पार्टी में अग्रिम विचार रखते हैं । पार्टी के विचारों को लेकर खड़गे बीजेपी को घेर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक में लगातार 8 बार विधायक रहे हैं।
चुनाव जीता , लेकिन पथ मुश्किलों से भरा
कांग्रेस देश में अपना सियासी जनाधार खो चुकी हैं, क्योंकि कभी कांग्रेस केंद्र के साथ राज्यों की लंबी फेहरिस्त में भी शासन करती थी, लेकिन आर्थिक मोर्चा पर डगमगाने के साथ ही पार्टी ने कई राज्यों में अपना जनाधार खो दिया हैं, पूर्वोत्तर में पार्टी को पुर्नजीवित करना आसान नहीं हैं। यूपी में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं रहा हैं , पार्टी का संगठन लगातार खो रहा हैं । क्योंकि केंद्र में स्थापित होने के लिए यूपी में जनाधार बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती हैं ।