राजघाट पहुंचे कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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राजघाट पहुंचे कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी की कमान संभालने से पहले आज राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कुछ ही देर में कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में जीत का प्रमाणपत्र मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगे।
24 साल बाद गैर गांधी हाथों में कांग्रेस की कमान
कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी 66 वर्षीय शशि थरूर को मात दी थी। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है।
कांटो से भरा है पार्टी का ताज
खड़गे को 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के बेहतर करने की उम्मीदें बड़ी चुनौती है, वहीं राजस्थान व कर्नाटक में पार्टी के भीतर जारी रस्साकशी ने पार्टी की परेशानी और बढ़ा दी है। ऐसे में 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करना खड़गे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
हिमाचल और गुजरात चुनाव पहली चुनौती
शशि थरूर को मात देकर पार्टी के शीर्ष पद पर काबिज होने वाले खरगे के पक्ष में भी कुछ चीजें नजर आ रही हैं। खड़गे की छवि सबको साथ लेकर चलने की रही है और उनकी यह खूबी यहां से आगे का सफर तय करने में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
खड़गे के कार्यभार संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव उनके सामने पहली चुनौती होंगे, जहां सत्तारूढ़ बीजेपी की मजबूत पकड़ है।इस समय केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार है। इस परीक्षा के बाद 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें उनका गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल है।
पार्टी में पीढ़ीगत आधार पर विभाजन भी एक चुनौती है और उन्हें अनुभवी नेताओं व युवाओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। यही नहीं, उन्हें गांधी परिवार के ‘रिमोट कंट्रोल’ से चलने की धारणा को भी गलत साबित करने की चुनौती का सामना करना होगा।उनके सामने एक चुनौती ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को लागू करने और अपनी नयी टीम में सभी समीकरणों को साधते हुए किसी को नाराज नहीं करने की भी होगी।

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