कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को इस बात पर हैरानी जताई कि चीन देश के भीतर घुस आया है और सीमा पर रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में निर्माण कार्य कर रहा है लेकिन सरकार इस बारे में चर्चा कराने को तैयार नहीं है।
श्री खड़गे ने कहा कि पूर्वोत्तर की सीमा पर रणनीतिक महत्व के इलाकों में चीन जिस तरह से अपनी गतिविधियां चला रहा है वह देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है और सरकार को इस बारे में देश के साथ विचार विमर्श करना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया ‘जम्फेरि रिज’तक चीन का ढांचागत निर्माण का कार्य भारत के रणनीतिक‘सिलीगुड़ कॉरिडोर’को खतरे में डाल रहा है – पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश द्वार। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत चिंता का विषय है। नरेंद्र मोदी जी, देश में कब होगी.-चीन पर पर चर्चा।
Chinese build-up in Doklam upto “Jampheri Ridge” is threatening India’s strategic “Siliguri Corridor” — the gateway to Northeastern States!
This is of utmost concern for our National Security ! @narendramodi ji,
When will the nation have . . .
“CHINA PE CHARCHA” ? pic.twitter.com/eL8JHTftUZ
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 17, 2022
आपको बता दें, 9 दिसंबर, 2022 को तवांग सेक्टर में यांग्त्से के पास चीन-भारत एलएसी फेसऑफ न तो पहला और न ही आखिरी है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। यह दोनों पक्षों द्वारा एलएसी की अपनी धारणा को लागू करने के लिए बढ़ती आक्रामकता और हिंसक प्रयास को दर्शाता है।
2020 में गलवान संघर्ष के बाद, भारतीय पक्ष पीएलए के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से हैरान नहीं है, जिसने पहले शांति और शांति के लिए सभी पुराने समझौतों को रद्द कर दिया था। इसलिए भारतीय सैनिकों ने संभवत: यथास्थिति को बदलने के लिए तवांग सेक्टर में यांग्त्से के पास एलएसी को बंद करने के पीएलए के प्रयास का ²ढ़ता से और मजबूती से मुकाबला किया।