केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया, वो नौजवान कौन होगा जिसको भर्ती करेंगे? आरएसएस या बीजेपी का कार्यकर्ता होगा? इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि 18 वर्ष के युवक को भर्ती करेंगे और बाद में बंदूक का लाइसेंस थमा कर छोड़ देंगे।
दरअसल, सरकार ने सेना में सुधारों के बड़े बदलाव को लेकर ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान कर दिया है। इस योजना के तहत देश के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें नौकरी से छोड़ते वक्त सेवा निधि पैकेज मिलेगा। सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति ने ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना को मंजूरी दी है।
सेना में भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव को लेकर राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, वो नौजवान कौन होगा जिसको भर्ती करेंगे? आरएसएस या बीजेपी का कार्यकर्ता होगा? यह देखना होगा। बेरोजगारी चरम सीमा पर है, दो करोड़ नौकरी देने की बात कही थी, उसका पता नहीं है।
आप देश को क्या बनाना चाहते हैं?
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना पर कहा, जवानों को बंदूक चलाना सिखा दो और समाज में छोड़ दो। यदि जवानों की भर्ती कर रहें हैं तो 35 साल तक उसे सेना में रखिए, तब उस युवक में समझदारी आ जाएगी। 18 साल के युवक को भर्ती करेंगे और बंदूक का लाइसेंस थमा कर छोड़ देंगे तो आप देश को क्या बनाना चाहते हैं? बघेल ने कहा, सरकार की नियत में खोट हैं, इनका रोजगार देना मकसद नहीं है। नौजवानों को भटकाने की कोशिश की जा रही है, रोजगार देना हैं तो 20 साल तक का दीजिए।
ठेके पर फौज भर्ती देश की सुरक्षा के लिए सुखद संदेश नहीं
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर कहा, मोदी सरकार भारतीय सेनाओं की गरिमा-परंपरा-अनुशासन की परिपाटी से खिलवाड़ कर रही है। सेनाओं में रेग्युलर भर्ती रोक 4 साल के ठेके पर फौज भर्ती देश की सुरक्षा के लिए सुखद संदेश नहीं। चार साल की नौकरी के बाद भर्ती हुए युवाओं के भविष्य का क्या होगा?
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सुरजेवाला ने कहा, चार साल के बाद 22 से 25 साल की उम्र में बगैर किसी अतिरिक्त योग्यता के ये युवा अपने भविष्य का निर्माण कैसे करेंगे? क्या यह सही नहीं कि 15 साल की सेवा के बाद जब रैग्युलर सैनिक भी वापस घर लौटता है, तो उसे अधिकतर समय केवल बैंक में गार्ड या सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी ही मिल पाती है? तो ऐसे में चार साल की कॉन्ट्रैक्ट सेवा के बाद यह 23 से 25 साल का युवा क्या कर सकेगा?
उन्होंने कहा, क्या उसकी जिंदगी प्रश्नचिन्ह में तो नहीं चली जाएगी और क्या वह रोजी-रोटी तथा अच्छी जिंदगी की तलाश में कहीं किसी गलत मार्ग की तरफ तो आकर्षित नहीं हो जाएगा? क्या मोदी सरकार इन चिंताओं और संभावनाओं का जवाब देगी? देश जवाब मांगता है?