भाजपा ने अयोध्या में विवादित स्थल के पास अधिग्रहित की गई 67 एकड़ जमीन मूल मालिकों को लौटाने के लिये केंद्र सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के समय पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश खुद तय कर सकता है कि चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस कदम के पीछे क्या मंशा है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस मामले में जो भी निर्णय करना है वो उच्चतम न्यायालय करेगा। लेकिन इतना जरूर कह देता हूं कि 29 जनवरी को सरकार ने याचिका नहीं, बल्कि अर्जी दायर की है। हम नहीं कह सकते कि इसके पीछे की वजह चुनावी है या कुछ और है। यह आप लोगों को तय करना है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘2003 में उच्चतम न्यायालय के आदेश में कहा गया था कि जब तक विवादित स्थल का समाधान नहीं हो जाता तब तक आसपास की जमीन पर कोई हरकत नहीं होगी। अब सरकार ने अर्जी दायर की है।…अब इनकी क्या मंशा है, देश और आप लोग खुद इस बारे में निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इसे सीधे तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम मानती है तो सिंघवी ने कहा, ‘‘ हमें कुछ नहीं कहना है। एक आवेदन दायर किया गया है और न्यायालय इस पर निर्णय करेगा।’’
दरअसल, केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति के लिये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की।
उसने इस अर्जी में कहा है कि उसने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था और अब वह इस अतिरिक्त जमीन को उनके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति चाहता है।