सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा की सदस्यता के लिए नामित किया है। इस खबर के आते ही रंजन गोगोई कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
समाचार रपटों का जिक्र करते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया और कहा, न्यायमूर्ति लोकुर ने इसे ठीक ही कहा- क्या अंतिम किला भी ढह गया है? सरकार के इस कदम की आलोचना करने वाले न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर उन वरिष्ठ न्यायाधीशों के समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने जनवरी 2018 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन बुलाकर मोर्चा खोला था।
Did PM Modi consider the advice of his former colleague & Law Minister-Finance Minister, Late Sh. Arun Jaitley before recommending Ex CJI, Ranjan Gogoi to Rajya Sabha? https://t.co/WNyfeLJFg1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 17, 2020
हालांकि, विडंबना यह है कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई भी उस संवाददाता सम्मेलन का हिस्सा थे। एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा, क्या पीएम मोदी ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की राज्यसभा के लिए सिफारिश करने से पहले अपने पूर्व सहकर्मी, कानून मंत्री और वित्तमंत्री दिवंगत अरुण जेटली की सलाह पर विचार किया था? जेटली ने एक बार कहा था कि कई बार फैसले सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरियों से प्रभावित होते हैं। बता दें कि सोमवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई को भारत के राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया।