कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों ने गुरुवार को कहा कि वे उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को नये सिरे से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। विधायकों ने इस बात पर जोर दिया कि वे अब भी कांग्रेस में हैं और सिर्फ विधानसभा की सदस्यता से उन्होंने इस्तीफा दिया है।
विधायकों ने पूरे प्रकरण में भाजपा की भूमिका से इंकार किया। विधायकों ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार हम बेंगलुरू पहुंचेंगे और माननीय विधानसभा अध्यक्ष से मिलेंगे।’’ बेंगलुरू में के आर पुरम से कांग्रेस विधायक बी ए बसवराज ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘चूंकि उच्चतम न्यायालय ने हमें नये सिरे से त्यागपत्र सौंपने का निर्देश दिया है, इसलिये हम वहां जा रहे हैं। (हमारे फैसले में) कोई बदलाव नहीं आया है।’’
उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि इन इस्तीफों के पीछे भगवा पार्टी का हाथ है और भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार उनकी मदद कर रही है। इन विधायकों के इस्तीफे से कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बसवराज ने कहा, ‘‘आरोप लगाए गए हैं कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार हमारे साथ है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि न तो भाजपा और न ही कोई अन्य सरकार हमारे साथ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमने सरकार से सुरक्षा मांगी है, जो उन्होंने प्रदान की है। इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।’’ यशवंतपुर से कांग्रेस विधायक एस टी सोमशेखर ने भी बेंगलुरू में इसी तरह की राय जाहिर की।
विधायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने लिखित में हमें दिया है कि यह (इस्तीफा) सही प्रारूप में नहीं है। इसलिये, हम शाम छह बजे से पहले उचित प्रारूप में अपना इस्तीफा सौंपेंगे।’’ सोमशेखर ने भी जोर देकर कहा कि वह कांग्रेस में ही हैं और सिर्फ विधानसभा की सदस्यता से उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब भी कांग्रेस में हूं—निजी कारणों से हमने इस्तीफा सौंपा है। हम किसी अन्य राजनैतिक दल में नहीं गए हैं।’’ शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए सोमशेखर ने कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष से मिलेंगे और शाम छह बजे से पहले नए सिरे से इस्तीफा सौंपेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 10 बागी विधायकों को शाम छह बजे से पहले विधानसभा अध्यक्ष से मिलने की अनुमति दे दी ताकि वे इस्तीफा देने के अपने निर्णय से उन्हें अवगत करा सकें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वह आज विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करें और शुक्रवार को अपने फैसले से न्यायालय को अवगत कराएं। अगर 10 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जाते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर 106 हो जाएगी। फिलहाल भाजपा को 107 विधायकों का समर्थन हासिल है। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 है।