कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज 11 उम्मीदवारों की दूसरी और आखिरी सूची जारी कर दी जिसमें छह सीटों पर उम्मीदवार बदले गए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बादामी से टिकट दिया गया है। बागलकोट जिले के बादामी विधानसभा क्षेत्र से सिद्धारमैया को टिकट दिए जाने के साथ ही उनके दो सीटों से लड़ने को लेकर अटकलें खत्म हो गईं। वह पहले ही चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
उत्तरी कनार्टक के कई नेता सिद्धारमैया को राज्य के इस हिस्से की किसी सीट से चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे थे। बादामी से पहले डॉक्टर देवराज पाटिल को टिकट दिया गया था। पार्टी राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इससे पहले कांग्रेस ने 218 उम्मीदवारों की सूची जारी थी। दूसरी सूची में बादामी , जगलूर , टिपटूर , मल्लेश्वरम , पद्मनाभ नगर और मिदकेरी सीटों पर उम्मीदवार बदले गए हैं।
कांग्रेस ने किट्टूर से डॉक्टर बी ईनामदार , बादामी से सिद्धारमैया, नागथन ( सु ) विठल डी काटकधोंड , सिंडगी से मल्लना निगन्ना सली , रायचूर से सैयद यासीन , जगलूर ( सु ) से एच पी राजेश , टिपटूर से के . सदाक्षरी , मल्लेश्वरम से केंगल श्रीपद रेणु , शांति नगर से एन ए हैरिस , पद्मनाभ नगर से एम श्रीनिवास और मिदकेरी से के पी चंद्रकला को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि राज्य में 12 मई को मतदान होगा और 15 मई को मतगणना होगी।
सिद्धरमैया के दो सीटों से लड़ने में कुछ भी गलत नहीं : खड़गे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दो सीटों से चुनाव लड़ने में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि वह दोनों सीटों से चुनाव जीतेंगे। सिद्धारमैया के दो सीटों से चुनाव लड़ने का समर्थन करते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 2014 का लोकसभा चुनाव दो सीटों – उत्तरप्रदेश में बनारस , गुजरात में वडोदरा से लड़े थे ।
उन्होंने कहा कि भाजपा दुष्प्रचार कर रही है कि मैसूर में चामुंडेश्वरी सीट से सिद्धारमैया के हारने की आशंका है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री मंगलवार को उत्तरी कर्नाटक में बदामी से अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
खड़गे ने कहा , ”वह ( दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव ) लड़ सकते हैं। इसमें क्या गलत है ? यह आलाकमान का फैसला है। बदामी के लोग चाहते हैं कि वह वहां से भी चुनाव लड़ें।” लोकसभा में सदन के नेता ने कहा , ”क्या मोदी दो निर्वाचन क्षेत्रों से नहीं लड़े थे ? क्या तब कोई सवाल उठा था ।”
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