प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक बार फिर विपक्षी दलों पर नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को ”बरगलाने” और ”नए हथकंडे” अपनाने का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लाए गए नए कृषि कानून केवल प्रधानमंत्री के ”दो-तीन मित्रों” के फायदे के लिए हैं।
नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘‘छल का इतिहास रखने वाले लोग’’ नए ‘‘ट्रेंड’’के तहत पिछले कुछ समय से सरकार के फैसले पर भ्रम फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के खजूरी गांव में एक कार्यक्रम में कहा, ”पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था लेकिन बीते कुछ समय से हमें नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि भ्रम और आशंकाएं फैलाकर उनको आधार बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, ”दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या-क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है। जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है कि ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।”
उधर, कांग्रेस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए सोमवार को सोशल मीडिया पर अभियान चलाया, जिसके तहत पार्टी नेता राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा और लोगों से किसानों का साथ देने की अपील की।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर आग्रह किया कि इन तीनों ‘काले कानूनों’ को निरस्त किया जाए क्योंकि देश के करोड़ों किसान यही चाहते हैं।राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से किसानों के पक्ष में खड़े होने की अपील करते हुए कहा कि यह ‘सत्य एवं असत्य की लड़ाई’, है जिसमें सभी को अन्नदाताओं के साथ होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि अगर ये कानून किसानों के हित में हैं तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं?
कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर फार्मर्स’ नामक सोशल मीडिया अभियान के तहत एक वीडियो जारी कर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘देश का किसान काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ ठंड में अपना घर-खेत छोड़कर दिल्ली तक आ पहुंचा है। सत्य और असत्य की लड़ाई में आप किसके साथ खड़े हैं – अन्नदाता किसान या प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्र के साथ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘देशभक्ति देश की शक्ति की रक्षा होती है। देश की शक्ति किसान है। सवाल यह है कि आज किसान सड़कों पर क्यों है? वह सैकड़ों किलोमीटर चलकर दिल्ली की तरफ क्यों आ रहा है?नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि तीन कानून किसानों के हित में हैं। अगर ये कानून किसानों के हित में है तो किसान इतना गुस्सा क्यों है, वह खुश क्यों नहीं है?’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ये कानून मोदी जी के दो-तीन मित्रों के लिए हैं, किसान से चोरी करने के कानून हैं।’’ इस अभियान के तहत ट्वीट के माध्यम से प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नाम किसान कानून लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का। किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं।’’