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राज्यसभा में कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस का हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

इस पर कांग्रेस के सदन में उपनेता आनंद शर्मा ने सभापति से अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। सभापति नायडू ने कहा कि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण है, सदन के संचालन पर काफी पैसा खर्च होता है।

कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल पूरा नहीं हो पाया वहीं प्रश्न काल के शुरु होने पर कांग्रेस सददस्यों ने कर्नाटक का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया। 
एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। इस पर कांग्रेस के सदन में उपनेता आनंद शर्मा ने सभापति से अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। सभापति नायडू ने कहा कि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण है, सदन के संचालन पर काफी पैसा खर्च होता है। 
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पूरा देश सदन की बैठक के संचालन में उत्पन्न किये जा रहे व्यवधान को देख रहा है। इस बीच कांग्रेस के कई सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा नहीं थमने पर नायडू ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। 
इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि कांग्रेस के राजीव गौड़ा और कपिल सिब्बल ने शून्यकाल स्थगित करने के लिए नियम 267 के तहत दो नोटिस दिए हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। राजीव गौड़ा तथा कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने नोटिस को स्वीकार किए जाने की मांग पर जोर देना शुरू कर दिया। 
लेकिन सभापति ने सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा ‘‘कल इस सदन की कार्यवाही बाधित होने की वजह से यहां कोई कामकाज नहीं हो पाया जबकि लोकसभा में कल रात 11 बजे तक कामकाज हुआ।’’ नायडू ने हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से कहा ‘‘क्या आप नहीं चाहते कि लोकतंत्र आगे बढ़े। हमें लोकतंत्र को खतरे में नहीं डालना चाहिए।’’ उन्होंने सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। 

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इसके बाद सदन में व्यवस्था बनी और शून्यकाल के तहत सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे उठाने शुरू किये। कुछ देर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल सदन में आए। सिब्बल ने सभापति से कहा कि उन्होंने एक नोटिस दिया था। इस दौरान सभापति तृणमूल कांग्रेस के डोला बनर्जी को उनका मुद्दा उठाने की अनुमति दे चुके थे। 
सिब्बल के साथ कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी कर्नाटक में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम का मुद्दा उठाया और सदन में हंगामा शुरू हो गया। पार्टी के कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। नायडू ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘‘अगर किसी सदस्य को कोई समस्या हो तो वह सभापति के कक्ष में आ कर बात कर सकते हैं।’’ 
बीजेपी के भूपेंद्र यादव ने कहा कि उच्च सदन के नियमों और व्यवस्था के अनुसार, सदस्य भारत सरकार से जुड़े मुद्दे यहां उठा सकते हैं, लेकिन किसी दल से जुड़ा मुद्दा नहीं उठाया जा सकता। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विपक्षी सदस्य अपनी ही पार्टी के विधायकों पर आरोप लगा रहे हैं। 
नायडू ने कहा कि कर्नाटक में दल बदल के बारे में फैसला वहां की विधानसभा के स्पीकर करेंगे। सभापति ने हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब 25 मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।  
इससे पहले, बैठक शुरू होने पर उच्च सदन के पूर्व सदस्य आर रामाकृष्णन को उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। उच्च सदन में तमिलनाडु का जून 1980 से 1986 तक प्रतिनिधित्व करने वाले रामाकृष्णन का सात जुलाई को 73 साल की उम्र में निधन हो गया था। 
गौरतलब है कि कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कल भी उच्च सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी और दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। कर्नाटक में करीब एक साल पुरानी सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार, विधायकों के इस्तीफे के बाद संकट का सामना कर रही है। 

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