नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निर्देशालय लगातर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर रहा है। इसी बीच कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ साल के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल हथियार के रूप में विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ किया है और इसके जरिए डरा धमका कर विपक्षी आवात्र दबाने का प्रयास करती रही है।
मनु सिंघवी ने लगाए आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 2014 के बाद जिस तरह से सरकार ने विपक्ष के खिला़फ इस एजेंसी का दुरुपयोग किया है उससे साफ है क्यों एजेंसी अपना अस्तित्व खो चुकी है और सरकार का हथियार बन कर काम कर रही है। उनका कहना था कि पहले भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस की सरकार में इस तरह से एजेंसियों का इस्तेमाल कभी नहीं किया है।उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल के दौरान इस एजेंसी में सिर्फ सरकार के इशारे पर अपने काम को अंजाम दिया है। उसने इन आठ साल में सिर्फ सरकारी एजेंसी बन कर काम किया है और अपने उसके जो अधिकार थे उनको वह भूल गई।
सरकार ने एजेंसी का हथियार की तरह किया इस्तेमाल
प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने 2004 से 2014 के बीच 112 छापेमारी है जबकि 2014 के बाद से अब तक 3000 छापेमारी की गई है। इससे साफ है कि इस एजेंसी का मोदी सरकार ने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है और विपक्ष को डराने का काम किया।उन्होंने कहा कि छापामारी की इन घटनाओं से साफ है कि इसमें 99 प्रतिशत छापे विपक्षी नेताओं के खिलाफ पड़ हैं। जिन नेताओं के विचार सरकार से नहीं मिलते उनको इन एजेंसियों के द्वारा तंग किया गया और जो नेता सरकार के नजदीकी हैं या जिनका सरकार से तालमेल सही है उनके मामलों को भुला दिया जाता है और इस तरह से सरकार इस एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।