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विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? कांग्रेस का केंद्र से सवाल

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की ओर से गुरुवार जारी एनुअल डाटा पर कांग्रेस ने केंद्र से सवाल किया कि विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और संस्थानों व कंपनियों का जमा धन बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 20,700 करोड़ रुपये) से अधिक हो गया। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की ओर से गुरुवार जारी एनुअल डाटा पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला किया। कांग्रेस ने सवाल किया कि सरकार श्वेत पत्र लाकर देशवासियों को बताए कि यह पैसा किनका है और विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने कालाधन लाने और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद उसने अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया। 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा स्विस बैंक में जमा की जाने वाली धनराशि के साल, 2020 के आंकड़े स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी कर दिए गए। एक तरफ लगभग 97 प्रतिशत भारतीय पिछले साल और ज्यादा गरीब हो गए तो दूसरी तरफ 2020 में स्विस बैंकों में जमा राशि बढ़ रही है।’’

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उन्होंने बताया, ‘‘साल 2020 में स्विस बैंकों में कुल जमा राशि साल 2019 की तुलना में बढ़ कर 286 प्रतिशत हो गई। कुल जमा राशि 13 साल में सबसे ज्यादा है, जो साल 2007 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है।’’ वल्लभ ने यह दावा भी किया, ‘‘एक और बड़ा खुलासा ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सैटेलमेंट’ (बीआईएस) ने स्विस बैंक में विभिन्न नागरिकों द्वारा जमा किए गए धन के बारे में किया, जिससे प्रदर्शित होता है कि भारतीय नागरिकों द्वारा स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि 2019 की तुलना में 2020 में 39 प्रतिशत बढ़ी।’’
उनके मुताबिक, ‘‘2014 में सत्ता में आने से पहले, बीजेपी ने दावा किया था कि भारतीयों ने 250 अरब डॉलर (17.5 लाख करोड़ रु.) अकेले स्विट्जरलैंड के बैंकों में छिपाया हुआ है। बीजेपी ने यह वादा भी किया कि विदेशी बैंकों में छिपाए गए इस काले धन को वापस लाया जाएगा और हर भारतीय को उसके खाते में 15 लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन पिछले 7 सालों में, मोदी सरकार ‘बातों में महारत, काम में नदारद’ सरकार बन गई।’’
वल्लभ ने सवाल किया, ‘‘मोदी सरकार उन लोगों के नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही, जिन्होंने पिछले साल स्विस बैंकों में अपना पैसा जमा कराया? जब 97 प्रतिशत भारतीय और ज्यादा गरीब हो गए, तो ये कौन लोग हैं, जो ‘आपदा में अवसर’ खोज रहे हैं?’’

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उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘2014 में बड़े-बड़े वादों के बूते सरकार बनाने के बाद मोदी सरकार ने काला धन वापस लाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए और पिछले 7 सालों में कितना-कितना काला धन और किस-किस देश से वापस लाया गया? मोदी सरकार ने विदेशी खातों में काला धन छिपाए जाने से रोकने के लिए क्या उपाय किए?’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से पिछले सालों में स्विस बैंकों में जमा कराए गए पूरे धन का ब्यौरा, धन जमा कराने वाले लोगों का नाम व विवरण जारी करने की मांग करती है। विदेशी बैंकों में कालाधन छिपाए जाने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने क्या उपाय किए, उन उपायों को जनपटल पर साझा किया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 7 सालों में कितना कालाधन वापस आया और किस-किस देश से यह कालाधन वापस आया? सरकार देश को पूरी जानकारी देने के लिए श्वेत पत्र लाए।’’

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