देश में कोरोना वायरस का कहर बरकरार है। महामारी के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार है। वहीं कई राज्यों में टीकों की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान में रुकावट देखी जा रही है। इस बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सुझाव दिया कि कोरोना रोधी टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिये कुछ और दवा कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिये। वहीं गडकरी के इस बयान पर बुधवार को कांग्रेस ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि क्या आपके बॉस इस बात को सुन रहे हैं।
But is his Boss listening? This is what Dr. Manmohan Singh had suggested on April 18th. https://t.co/iqgPgJJ6Y7
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 19, 2021
नितिन गडकरी के इस बयान वाले वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बिना नाम लिए नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। उन्होंने ट्ववीट कर कहा, “क्या उनके बॉस यह सुन रहे हैं? 8 अप्रैल को डॉ मनमोहन सिंह ने भी ऐसा ही सुझाव दिया था।”
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, “(केंद्रीय मंत्री) नितिन गडकरी कहते हैं कि वैक्सीन की मांग की आपूर्ति के मुद्दे को हल करने के लिए और अधिक विनिर्माण लाइसेंस दिए जाने चाहिए। समस्या यह है कि देश वैक्सीन की मांग कर रहा है, लेकिन बीजेपी नकली टूल किट की आपूर्ति कर रही है।” सरकार पर कटाक्ष करते हुए, शेरगिल ने कहा, “वैक्सीन की मांग आपूर्ति असंतुलन भाजपा द्वारा पैदा की गई मुश्किल है, क्या भाजपा टीकाकरण निर्माण में तेजी लाने के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रही है?”
उन्होंने कहा कि यह जानकर अच्छा लगा कि कम से कम एक भाजपा मंत्री वास्तविकता के प्रति जाग रहा है। उन्होंने कहा, “सिस्टम को जगाने के लिए और कितनों को मरना होगा?” बता दें कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिये और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिये कानून बनाया जाना चाहिये। इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि टीके की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी। इसलिये एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिये। इसके लिये टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिये।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा कि केन्द्र को टीका बनाने वाली दोनों कंपनियों का फार्मूला अन्य सक्षम दवा विनिर्माता कंपनियों को देना चाहिये ताकि टीके का उत्पादन बढ़ाया जा सके। वर्तमान में देश में कोरोना रोधी टीके का उत्पादन दो कंपनियां कर रही हैं। पहली भारत बायोटेक जो कोवैक्सिन टीका बना रही है और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जो कि कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है।
केजरीवाल ने कहा कि इन दोनों कंपनियों को दूसरी कंपनियों द्वारा टीका उत्पादन से होने वाले मुनाफे में से रायल्टी दी जा सकती है। देश में फिलहाल तीन टीकों को ही इस्तेमाल की अनुमति मिली है — कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक- वी। डा. रेड्डीज लैब स्पुतनिक- वी का रूस से आयात कर रही है। फिलहाल देश में इसकी उपलब्धता व्यापक स्तर पर नहीं है।