कांग्रेस ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड योजना को वापस लेने के सरकार के फैसले पर शुक्रवार को फिर निशाना साधा। उन्होंने सरकार के इस फैसले को कोरोना वायरस महामारी के समय देश के आम लोगों के लिए बड़ा झटका करार देते हुए कहा कि इस योजना तथा उन दूसरी सभी लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर को बहाल किया जाए जिनमें हाल में कटौती की गई है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि “मध्य और निम्न मध्य वर्ग आर्थिक दुख में है। लॉकडाउन के दौरान ब्याज दरों को कम करना और RBI बांड को बंद करना असंतुलित दिमाग और बेशर्मी को उजागर करता है। हम सभी छोटी बचत बचत, एफडी और बचत बैंक जमा पर ब्याज दरों की मांग करते हैं, जो पूर्व 12-3-2020 स्तर पर बहाल होनी चाहिए।”
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘इस सरकार ने पिछले ढाई महीनों में पीपीएफ और कई अन्य बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती की जिससे करोड़ों लोगों को सालाना 44,670 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो रहा है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के समय चारों तरफ से खबरें आ रही हैं कि लोगों की नौकरियां जा रही हैं, लोगों के पास आय के साधन नहीं है। इस दौर में भी आप ब्याज दर में कटौती कर रहे हैं। यह लोगों पर दोहरी मार है।’’
उनके मुताबिक, हर सरकार अपने नागरिकों को एक जोखिम मुक्त निवेश का अवसर देती है, लेकिन इस सरकार ने आज वह अवसर भी छीन लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह योजना तत्काल बहाल करनी चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड योजना को वापस लेने का फैसला किया है।
सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड के नाम से जाना जाता है। खुदरा निवेशकों के बीच यह बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है। इन बॉन्ड में निवेशकर्ता अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं।